PETA इंडिया एवं वन विभाग ने संयुक्त प्रयास से एक बीमार बंदर तथा 3 तोतों को बचाया
एक नागरिक से मिली जानकारी पर कार्यवाही करते हुए PETA इंडिया एवं महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारियों ने मुंबई में एक अपार्टमेंट में दबिश देकर बंदी 3 तोतों तथा एक बंदर को अपने कब्जे में ले लिया। दोनों ही प्रजातियों के इन जानवरों को घर में कैद करके रखना वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के तहत गैरकानूनी है।
यह जानवर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित पाये गए थे जैसे तोतों के पंख व पूंछ सूख चुके थे जबकि बंदर को एक छोटे लोहे के पिंजरे में बांध कर रखा गया था जहां प्रकर्तिक भोजन व आवश्यक व्यायाम के अभाव में वह मोटापे से ग्रस्त था। अभी दोनों ही जानवरों को वन विभाग के सुविधा केंद्र में देखभाल प्रदान की जा रही है, पूर्णतया स्वस्थ्य हो जाने पर उन्हे पुणे स्थित पुनर्वास केंद्र में भेज दिया जाएगा। अपने घर में पशुओं को गैरकानूनी तरीके से कैद करके रखने व उन्हे पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल न प्रदान करने के लिए जब इस वृद्ध महिला को सख्त कानूनी कार्यवाही की जानकारी दी गयी तो उन्होने स्वयं ही बंदी जानवरों को हमें सौंप दिया व भविष्य में दुबारा किसी जानवर को घर में बंदी ना बनाने का वचन दिया।
वन्यजीव प्रकृति में रहना पसंद करते हैं उन्हे किन्ही भी कारणों से पिंजरों में कैद करके रखना नैतिक रूप से गलत व दंडनीय अपराध भी है जिसके तहत सात वर्ष की कैद और 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
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