दिल्ली पुलिस ने शादी में इस्तेमाल होने वाले चार कुपोषित व घायल घोड़ों को जब्त किया
PETA इंडिया के सहयोग से दिल्ली पुलिस ने शादियों व अन्य समारोह में इस्तेमाल होने वाले 4 दुबले पतले, कुपोषित व घायल घोड़ों को जब्त कर लिया है। नांगलोई मेट्रो स्टेशन के पास महाराजा सुरजमल स्टेडियम में मिली एक घोड़ी के शरीर व पैरों पर गहरे घाव थे जबकि नन्द नगरी में संजय मार्केट के पास गाय पार्क में मिले एक घोड़े के अगले बाएं पाँव में पुराना फ्रेक्चर होने की वजह से वो लंगड़ा रहा था व अपने पैरों पर शरीर का भार नहीं उठा पा रहा था। नांगलोई ग्राम के जे. जे. कालोनी में मिली दो अन्य कुपोषित घोड़ियों में एक गंभीर रूप से त्वचा संक्रमण से पीड़ित है व दूसरी घोड़ी बायीं आँख से देख नहीं सकती।
दिल्ली पुलिस की यह कार्यवाही PETA इंडिया की उस शिकायत का परिणाम है जो शादी व अन्य समारोह में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों के प्रति हो रही क्रूरता को समाप्त करने की पहल से जुड़ी है। हमने शिकायत की थी की इस प्रकार के आयोजनों में इस्तेमाल होने वाले घोड़े अधिकांशता बीमार, कमजोर व लँगड़े होते है और जब वे काम पर नही होते तो उनको रस्सियों से बांधकर गंदे व बदबूदार स्थानों पर रखा जाता है। उनका बाड़ा इतना छोटा होता है की घोडा समान्य क्रियाकलापों में भी मुश्किल महसूस करता है। उन्हे आम तौर पर पर्याप्त भोजन, पानी और पशु देखभाल चिकित्सा से वंचित रखा जाता है इसलिए कई बार अत्यधिक गर्मी के दौरान थकावट व निर्जलीकरण के कारण वे बेहोश होकर गिर जाते हैं। ये घोडे अस्वस्थ स्थितियों में रहते हैं, उनको पैरों की देखभाल नहीं दी जाती व अधिकांशता वो सीमेंट के बने पक्के स्थानो पे खड़े रहते है इसलिए उनके पैरों में गठिया (जोड़ों की सूजन) कैंसर (पैर के अंदर गोभी के आकार का विकास), थ्रश (एक प्रकार का संक्रमण) व लेमिनाइटिस (पैर की आंतरिक सूजन) जैसी बीमारियों के शिकार होते हैं।
हमने यह भी इंगित किया कि “प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी टू ड्राट एंड पैक नियम -1965″ के नियम 8 के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए मुंह की नुकीली लगाम का व्यापक स्तर पर गैर कानूनी तरीकों से इस्तेमाल हो रही है। इस नुकीली लगाम से घोड़ों के होंठ व जीभ छिल जाती हैं जिससे उन्हें अत्यधिक दर्द होता है, मुंह में घाव बन जाते हैं, मानसिक आघात पहुंचता है और यह नुकसान जीवन भर के लिए होता है।
PETA इंडिया ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र भेजकर इस यातनाभरी लगाम के उपयोग के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने तथा “प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी टू ड्राट एंड पैक नियम-1965″ के नियम 8 में परिवर्तन करते हुए लगाम के निर्माण तथा बिक्री पर भी प्रतिबन्ध लगाने का आग्रह किया था। हमने Amazon.in को भी पत्र लिख कर इस प्रतिबंधित लगाम को अपनी ई-कॉमर्स साईट से हटाने का आग्रह किया है।
हम समस्त दूल्हे-दुल्हनों से आग्रह करते हैं कि वो यह संकल्प लें की वे अपने विवाह या अन्य समरोह में जानवर का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि किसी ऐतिहासिक कार, मोटरसाइकिल या अन्य किसी क्रूरता मुक्त वाहन का उपयोग करेंगे।
शादियों में कभी भी घोड़ों का उपयोग न करने की शपथ लें