PETA अमेरिका की अपील पर ‘हैरी पॉटर निटवियर’ कंपनी ने कश्मीरा वूल पर रोक लगाई
PETA अमेरिका के साथ हुई बातचीत के उपरांत “लोचवन ऑफ स्कॉटलैंड” -स्कोटिश ऊन कंपनी जो होगवर्ट यूनिफ़ोर्म की सप्लायर है व जिसे आपने हैरी पॉटर फिल्मों में बच्चों को पहने देखा होगा, ने कश्मीरा वूल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चीन एवं मंगोलिया जो विश्व भर की कश्मीरा वूल का लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन करते हैं, के भेड़ पालन केन्द्रों एवं कत्लखानों पर की गयी हालिया जांच से खुलासा हुआ है वहाँ श्रमिक भेड़ों को जमीन पर पटक कर, उनके पैरों को मोड़कर उनपर बैठ जाते हैं व उनके शरीर को दबाकर लोहे एवं धातु की कतरनी से उनके बाल कतरते हैं। यह बहुत ही गंभीर क्रूरता है।
चीन में जब भेड़े ऊन देने लायक नहीं रह जाती तो उनको कत्लखानों में मरने के लिए भेज दिया जाता वहाँ श्रमिक उनके सिर पर हथोड़े से मार कर उनको बेहोश कर देते हैं व फिर मौत केघाट उतार देते हैं। मंगोलिया में भेड़ों को मारने से पहले श्रमिक इनको एक टांग से घसीट कर कत्लखानों के अंदर फर्श पर ले जाते हैं। विडियो में देखा गया कि गला कटने के बाद भी बहुत से पशु जमीन पर रेंग रहे थे।
‘लोचवन’ ने ऊन पर प्रतिबंध लगाकर बड़े स्तर पर होने वाली क्रूरता पर रोक लगा दी है। PETA, कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी अन्य बड़ी कंपनियों से भी अनुरोध कर रहा है कि वो पशुओं के प्रति दयालु बनें व अपने व्यवसाय को कश्मीरी ऊन रहित बनाए।
अपने व्यापार में कश्मीरा वूल पे रोक लगाने के अलावा ‘लोचवन’ ने अपने ग्राहकों को कुछ खास उत्पादों हेतु वीगन वस्त्रों की पेशकश भी शुरू कर दी है जो सिंथेटिक फ़ाईबर से मिलकर बनते हैं व इनमें ऊन की मात्रा बेहद कम होती है। कश्मीरा वूल पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक है जबकि वीगन वस्त्र जो बाम्बू, टेंसल, हेम्प, मॉडल, विसकोज़, सूत व सोया कश्मीरी (जो सोया उत्पाद से बचे सोया से बनती है) वो गरम, स्टायलिश एवं पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
पशुओं के इस्तेमाल के बिना बने वस्त्र अपनाने तथा कश्मीरा वूल का त्याग करने के लिए आप क्या कर सकते हैं। आप संकल्प लें कि आप किसी भी पशु की खाल से बने वस्त्र जैसे फ़र, ऊनी कोट, स्वेटर, गाय की खाल से बने वस्त्र, साँप, घड़ियाल, सील, खरगोश, भेड़, या बकरी की खाल से बने वस्त्रों एवं अन्य सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
संकल्प लें की आप कभी भी ऊन नहीं पहनेंगे