PETA की कार्यवाही के उपरांत दिल्ली पुलिस ने स्वतन्त्रता दिवस से ठीक पहले प्रतिबंधित माँझे को जब्त किया

अधिकारियों ने लगभग 100 किलो जानलेवा माँझे को जब्त किया

दिल्ली : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने सदर बाज़ार एवं बाड़ा हिन्दू राव पतंग बाज़ार की बहुत सी दुकानों पर दबिश देकर लगभग 100 किलोग्राम मांजा (पतंग उड़ाने की तीखी डोर जो सूत के ऊपर काँच, धातु व अन्य तीखे लेप लगाकर तैयार की जाती है) जब्त कर लिया। पहली बार दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अंतर्गत, दिल्ली सरकार द्वारा 10 जनवरी 2017 को जारी किए गए निर्देश जिसमे कहा गया है की दिल्ली में किसी भी प्राकार के माँझे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात अथवा इस्तेमाल प्रतिबंधित है, की अवहेलना किए जाने हेतु इन माँझा विक्रेताओं के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया है। दिल्ली सरकार की यह अधिसूचना पतंगबाजी हेतु किसी भी प्रकार के लेप से मुक्त केवल सूती डोर के इस्तेमाल से पतंगबाजी की अनुमति देती है।

मांझे की बिक्री, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत धारा 15 का उलंघन व दंडनीय अपराध है जिसके लिए पाँच साल की सजा, 1 लाख का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। दिल्ली सरकार की अधिसूचना में उप निरीक्षक (Sub Inspector) या उस से ऊपर के पद के अधिकारियों को मांझा के क्रेताओं व विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया गया है।
पुलिस दबिश एवं जब्त किए गए माँझे के फोटो यहाँ उपलब्ध हैं।

PETA इंडिया के एसोसिएट डाइरेक्टर ऑफ पॉलिसी निकुंज शर्मा कहते हैं – “अगर लोगों को पता होता कि वो सादी सूती डोर (सद्दी) से पतंगबाजी करके इन्सानों, पक्षियों तथा जानवरों को गंभीर चोटों से व मरने से बचा रहे हैं तो अधिकांश लोग सादी डोर ही इस्तेमाल करते। दिल्ली पुलिस इस खतरनाक मांझे से निवासियों व पक्षियों को सुरक्षित करके एक महान उदाहरण स्थापित कर रही है।“

पिछले वर्ष भी PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने चाँदनी चौक के निकट लालकुआं पतंग बाज़ार तथा पूर्वी दिल्ली में गांधी नगर के चाँद मोहल्ला बाज़ार में दबिश देकर बहुत सी दुकानों से लगभग 100 किलोग्राम माँझे को जब्त किया था।

हर वर्ष हजारों पक्षी इन तेज मांझो की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। मांझे में उलझ कर उनके पंख कट जाते है या फिर शरीर पर लिपट जाने से वह कई-कई हफ़्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते है। फरवरी 2019 में दौरान दिल्ली के तिमारपुर में गला कट जाने से एक मोटर साईकल सवार की मौत हो गयी थी तथा इसी वर्ष जुलाई माह में एक अन्य मोटरसाईकल सवार माँझे की चपेट में आने से अपना संतुलन खो बैठा जिससे मोटरसाईकल अनियंत्रित होकर टकराने से उसपर बैठी 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी।
PETA इंडिया जो इस सरल सिधान्त के तहत काम करता है की जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है, प्रजातिवाद का विरोध करता है जो मनुष्य के वर्चस्ववादी होने का संकेतक है।

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