विश्व खाद्य दिवस के उपलक्ष्य में PETA इंडिया की विशालकाए ‘गाजर’ लोगों में वीगन भोजन वितरित करेगी

PETA समूह लोगो को वैश्विक भुखमरी समाप्त करने की आशा का संदेश देगा

रांची – विश्व खाद्य दिवस (16 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की एक विशाल “गाजर” रांची की सड़कों पर आते जाते लोगों में स्वादिष्ट एवं लज़ीज मुफ्त वीगन भोजन वितरित कर यह संदेश देगी की वीगन होकर आप पूरे विश्व को भूख से निजात दिला सकते हो। “गाजर” – जिसके हाथ में “End World Hunger, Go Vegan” (विश्व भुखमरी समाप्त करें, वीगन बनें) संदेश लिखा बोर्ड पकड़करराहगीरों को बताएंगे कि मांस के लिए जानवरों के पालन-पोसन के लिए जमीन एवं अन्य स्रोतों का दुरपयोग करने की बजाए उन स्रोतों के इस्तेमाल से लोगों की भूख मिटाई जा सकती है।

समय   : मंगलवार, 15 अक्टूबर, दोपहर 12 बजे
स्थान   : एल्बर्ट एक्का चौक, फरायलाल चोक, डेपुटी पारा, अहिरटोली, रांची, झारखंड 834001

PETA इंडिया की केम्पेन कोर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी कहती हैं- स्वादिष्ट वीगन भोजन चुनकर यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है, कि आप वैश्विक अल्पपोषण समस्या में योगदान नहीं दे रहे हैं। हम सब जब भी भोजन करने बैठते हैं तो हम सबके पास विश्व भुखमरी को समाप्त करने का एक बेहतर मौका होता है, और इसीलिए PETA इंडिया लोगों को ऐसा भोजन चयन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जिसके उत्पादन के लिए बेहद कम संसाधनों की आवश्यकता होती है, ना की उतने संसाधन जीतने मांस और डेयरी उद्योग में इस्तेमाल होते हैं ”

जैसा कि PETA इंडिया इंगित करता है लगभग 8 बिलियन मनुष्यों की वैश्विक आबादी में से लगभग 820 मिलियन लोग भूख का शिकार होते हैं। वर्ल्डवाच इंस्टीट्यूट के अनुसार, उन सभी को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन करने का एकमात्र तरीका है, की मांस को कम किया जाए क्यूंकि मांस की पैदावार हेतु इस्तेमाल होने वाले स्रोतो से हम मनुष्यों हेतु खाद्य पदार्थ पैदा कर पर्याप्त मात्रा में अनाज पैदा कर सकते हैं। मांस के लिए पाले जाने वाले जानवरों हेतु बड़ी मात्रा में जमीन, पानी, और अन्य संसाधनों का उपयोग किया जाता है व बाद में उनके मांस के लिए उन्हे मौत के घाट उतार दिया जाता है। आज, दुनिया का लगभग 50% अनाज मांस के लिए पाले जाने वाले जानवरों को खिलाया जाता है। 2010 की एक रिपोर्ट में, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दुनिया को भूख, गरीबी और जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचाने के लिए वीगन भोजन अपनाने की ओर एक वैश्विक कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है।

PETA इंडिया जिसका एक सिधान्त यह भी है, की जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं है, मनुष्य की वर्चस्ववादी सोच का विरोध करता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।