PETA इंडिया ने गणतन्त्र दिवस परेड का हवाला देते हुए हाथियों के प्रदर्शन पर राष्ट्रीय प्रतिबंध की मांग की।
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24 January 2020
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रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान हाथियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, PETA इंडिया का कहना है कि देश में हर जगह बंदी हाथियों से करवाए जाने वाले प्रदर्शनों पर भी प्रतिबंध लगे।
नई दिल्ली- गणतन्त्र दिवस के परेड से ठीक पहले, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने गिरिराज सिंह, माननीय मंत्री मतस्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि हाथी भी उन जंगली जानवरों की सूची में आते हैं जिन्हें भारत में किसी भी तरह के प्रदर्शन हेतु इस्तेमाल करना या प्रदर्शनों हेतु प्रशिक्षित किया जाना प्रतिबंधित है। वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने जानवरों से प्रदर्शन ना कराये जाने हेतु भालू, बंदर, बाघ, पैंथर और शेरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालाँकि, हाथियों को, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I (आई) के तहत संरक्षित किया गया है और उन्हें इस सूची से बाहर रखा गया है।
वर्ष 2008 में, भारतीय वन्यजीव संस्थान और राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली की सिफारिशों के आधार पर, रक्षा मंत्रालय ने निष्कर्ष निकाला था कि गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान हाथियों के हिंसक हो जाने का खतरा है व यह सुरक्षा से संबन्धित एक तरह का जोखिम है इसलिए इस तरह के कार्यक्रम में हाथियों का उपयोग न किए जाने का निर्णय लिया। माननीय गिरिराज सिंह को लिखे अपने पत्र में, PETA इंडिया ने कहा है कि जैसे गणतन्त्र दिवस की परेड हेतु जनता की सुरक्षा के लिहाज से हाथियों से खतरे की संभावना है ठीक उसी प्रकार सर्कस एवं अन्य हाथी-सवारी के दौरान भी वह जनता के लिए खतरनाक है व अन्य जगह पर भी उनके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। 2009 के बाद से, केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान हाथियों के बजाय राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता बच्चों को ले जाने के लिए सजी हुई सैन्य जीपों का उपयोग किया जाता है।
PETA इंडिया के CEO एवं पशु चिकित्सक डॉ. मणिलाल वलियाते कहते हैं- ”गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान भारत सरकार द्वारा हाथियों का इस्तेमाल न करने का बेहतरीन निर्णय लिया गया है। यह सही समय है जब हम भगवान गणेश के इन रूपों को जंजीरों से मुक्त कर उन्हें उनके प्रकृतिक निवास में अपना जीवन जीने की आज़ादी दें। भारत में होने वाले अनेकों प्रदर्शनों में हाथियों के इस्तेमाल पर रोक लगा देने से हम उन्हें आज़ाद करने वाले लक्ष्य के करीब पहुंच जाएंगे।”
भारत में बंदी बनाकर रखे गए हाथियों पर किए गए एक विस्तृत अध्ययन में हाथियों पर होने वालीन क्रूरता को उजागर किया गया था व इस रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2016 में, सरकार के सलाहकार निकाय “एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया” ने केंद्र सरकार से सिफ़ारिश करते हुए हाथियों को किसी भी तरह के प्रदर्शनों में इस्तेमाल किए जाने पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी। इससे पहले वर्ष 2010 में, केंद्र सरकार ने हाथियों को सुरक्षा प्रदान करते हुए उन्हें भारत की राष्ट्रीय विरासत घोषित किया था।
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 22 (ii) के तहत मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय को यह अधिकार है कि वह आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से एक केंद्रीय अधिसूचना जारी प्रदर्शनों में हाथियों के इस्तेमाल एवं उस हेतु उनके प्रशिक्षण पर प्रतिबंध लगा सके।
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा मनोरंजन करने एवं किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है” प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वर्चस्ववादी विचारधारा का परिचायक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।
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