केरल सरकार मुर्गीपालन व्यवसाय द्वारा की जा रही चूज़ों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं पर रोक लगाएगी

Posted on by PETA

PETA इंडिया से मिली शिकायत मिलने पर कि केरल राज्य में मुर्गी पालन केन्द्रों द्वारा नर चूज़ों की बेरहम तरीकों से हत्याएँ की जा रही हैं, केरल पशुपालन विभाग के निदेशक ने तत्काल इन गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए समस्त पशु पालन अधिकारियों को एक आदेश जारी कर केरल में मुर्गीपालकों द्वारा नर चूजों की बेरहम हत्याओं को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।

मांस एवं अंडा उद्योग में आमतौर पर, नर चूज़ों को, और अन्य कमजोर चूज़ों  को, पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मारा जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है। (निदेशक महोदय ने यह पुष्टि की है कि सरकारी मुर्गीपालन केन्द्रों पर चूजों को इस तरह से नहीं मारा जाता)।

PETA इंडिया ने राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में बताया है कि अवांछित चूज़ों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू  एनिमल्स एक्ट, 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं। PETA समूह ने अनुरोध किया है कि केरल के मुर्गी पालन केन्द्रों को AWBI, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया व विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित नाइट्रोजन और अक्रिय गैसों का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही, सरकार चाहती है कि, अंडा उद्योग, OVO  सेक्स-निर्धारण तकनीक जब भी उपलब्ध होगी तब उस तकनीक का उपयोग करे। यह नई तकनीक है, जो विदेशों में विकसित की गई और जल्द ही व्यावसायिक रूप से यहाँ भी उपलब्ध होगी, इस तकनीक के माध्यम से शुरुआती चरण में ही नर भ्रूण की जाँच के जा सकेगी व जन्मे हुए चूज़ों  की क्रूर मौत न हो इस हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा जारी बेसिक पशुपालन रिपोर्ट 2019  के अनुसार अंडा उत्पादक राज्यों में केरल अग्रणी राज्य है। इसलिए यह बेहद जरूरी है की जब भी लिंग निर्धारण हेतु OYO तकनीक उपलब्ध हो उसे तत्काल रूप से यहाँ लागू किया जाये।

इससे पूर्व PETA इंडिया के अनुरोध पर आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, एवं महाराष्ट्र के पशुपालन विभागों ने  अपने राज्यों में अनचाहे नर चूज़ों  की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं को रोकने हेतु अपने अधीनस्त विभागों को आदेश जारी कर इस पर तत्काल रोक लगाने एवं इस हेतु भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्य तकनीकों को अपनाने हेतु निर्देशित किया है।

जर्मनी ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु  € 5 मिलियन (400 मिलियन रुपये) का निवेश किया है व फ्रांस एवं स्विट्ज़रलैंड ने जीवित नर चूज़ों  की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है।

क्रूरता मुक्त जीवनशैली का चयन करके पशुओं को पीड़ा से मुक्त करें।

इस अत्याचार को रोकने में मदद करें