कुत्ते की आँख निकालने और उसे पीट-पीटकर मार डालने वाले किशोरों के खिलाफ औरंगाबाद पुलिस ने FIR दर्ज की
यह ख़बर मिलने के बाद कि दो किशोरों ने कथित तौर पर एक कुत्ते की आँख निकालकर और मार-मारकर उसकी हत्या कर दी हैं, PETA इंडिया ने “औरंगाबाद पेट लवर्स एसोसिएशन (APLA)” और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर भारतीय दंड संहिता की धारा 34 और 429 एवं “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” की धारा 11 (1) (ए) के अंतर्गत FIR दर्ज़ करवाई है। इस मामले में बेघर कुत्तों के संरक्षण के लिए काम करने वाली एक स्थानीय NGO ‘APLA’ द्वारा PETA इंडिया से संपर्क किया गया था जिसके बाद लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस में FIR दर्ज की गई है।
“यह चिंताजनक है कि बड़ी संख्या में बच्चे सिर्फ मनोरंजन के लिए जानवरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हम सरकार से स्कूली पाठ्यक्रम में पशु कल्याण को शामिल करने और स्कूली बच्चों के लिए स्थानीय पशु आश्रयों में समय बिताने का प्रावधान करने की अपील करते हैं ताकि वे सीखे सकें कि जानवर दर्द महसूस करते हैं और हमारी तरह ही भावनाएं रखते हैं।“- बेरियल संचिस, ‘ALPA’ के संस्थापक एवं अध्यक्ष
PETA इंडिया उन किशोरों की मानसिक दशा का मूल्यांकन एवं काउंसलिंग की भी सिफारिश करता है। जानवरों का शोषण एवं उनपर अत्याचार करना एक तरह मानसिक अशांति को इंगित करता है। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे आगे चलकर अन्य जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को लॉं की एक छात्रा जीशा के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के जुर्म में उसे मौत की सजा सुनाए जाने से पहले उसने कुत्तों और बकरियों के साथ बलात्कार कर उन्हें मार डालने जैसे कृत्यों को अंजाम दिया था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60% महिलाओं ने माना कि उनके पार्टनर ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।
PETA इंडिया पिछले लंबे समय से देश के “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” को मजबूत बनाने के लिए अभियान चला रहा है। इस कानून में पशुओं पर अत्याचार करने हेतु जो सजा के प्रावधान हैं वह पुराने है व आज के समय के अनुसार कमजोर है जैसे जैसे पहली पशुओं पर अत्याचार का अपराध साबित होने पर अपराधियों के खिलाफ महज़ 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान ही है।
जानवरों पर अत्याचार करने करने वालों के लिए कठोर दंड की मांग करें