PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद कुत्ते पर तेज़ाबी हमला करने वाले दंपति के खिलाफ़ FIR दर्ज़
PETA इंडिया के सहयोग से एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज़ कराने के बाद, कसारा पुलिस ने एक मासूम कुत्ते के ऊपर तेज़ाब से हमला करने के आरोपी दंपति के खिलाफ़ FIR दर्ज़ कर ली है। तेज़ाब के इस हमले का असर इतना भयानक था कि कुत्ते के आगे वाले दोनों पैरों का निचला हिस्सा पूरी तरह से गल कर शरीर से अलग हो गया। इस कुत्ते का इलाज़ कर रहे पशुचिकित्सकों को कुत्ते के आधे पैर को काटना पड़ा क्यूंकि यह आधा हिस्सा पूरी क्षतिग्रस्त था और इसका इलाज़ संभव नहीं था। इस कुत्ते का बाया कान और सिर का कुछ भाग भी बुरी तरह झुलस गया था और इसका इलाज़ नासिक के “शरण फॉर एनिमल्स” NGO में किया जा रहा है। इस NGO की संस्थापक शरण्या शेट्टी द्वारा इस चोटिल कुत्ते को गोद ले लिया गया है और उन्होनें इसका नाम “Hope” (इसका हिन्दी अर्थ उम्मीद है) रखा है।
PETA इंडिया ने ठाणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक और कसारा पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर की मदद से भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 429 के भाग 11 (1) (A) और (L); पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960; और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 119 के तहत मामला दर्ज़ करवाया है। IPC की धारा 429 के अनुसार, किसी जानवर के शारीरिक अंगों को नुकसान देना अपराध है, और अपराधियों को जुर्माना सहित या बिना जुर्माने के पांच साल तक की जेल की सज़ा का प्रावधान है।
आमतौर पर भारत में जानवरों पर तेज़ाब और उबले हुआ पानी से हमला करने वाले कई केस दर्ज़ किए जाते है। 2016 में, उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति ने उस पर भौंकने के कारण पांच नवजात पिल्लों पर तेज़ाब डाल दिया गया था। 2017 में, राज्य पुलिस ने उत्तर प्रदेश में 15 लावारिस छोड़ दी गयी गायों पर तेज़ाबी हमले और ओडिशा में चार गायों और बैल पर तेज़ाब फेकने के लिए दोषियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की थी । इसी वर्ष, पंजाब के एक आश्रय में 31 कुत्तों और राजस्थान में एक बेघर कुत्ते पर तेज़ाब से हमला किया गया। 2018 में, पंजाब में तेज़ाबी हमले से एक बेघर कुत्ते की मौत हुई। 2019 में गुजरात में चार बेघर कुत्तों और एक गोद लिए कुत्ते पर तेज़ाब से हमला किया गया था। इसी वर्ष, पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बेघर कुत्ते की तेज़ाब से हत्या के जुर्म में FIR दर्ज़ की। इस साल की शुरुआत में, केरल में एक महिला ने एक बेघर कुत्ते पर उबलता पानी फेंक दिया, जिससे पीड़ित कुत्ते को गंभीर चोट आयीं।
शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे आगे चलकर अन्य जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60% महिलाओं ने माना कि उनके पार्टनर ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया। भारत सरकार के “राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो” द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2018 के बीच देश में 1,483 लोग तेज़ाबी हमलों का शिकार हुए थे।
PETA इंडिया पिछले लंबे समय से देश के “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” को मजबूत बनाने के लिए अभियान चला रहा है। इस कानून में पशुओं पर अत्याचार करने हेतु जो सजा के प्रावधान हैं वह पुराने है व आज के समय के अनुसार कमजोर है जैसे जैसे पहली पशुओं पर अत्याचार का अपराध साबित होने पर अपराधियों के खिलाफ महज़ 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान ही है।