ऋचा चड्ढा, मिलिंद सोमन के ब्रांड ‘डेवी’ और ‘लेक्मे फैशन वीक’ ने जीता PETA इंडिया का ‘वीगन फ़ैशन अवार्ड 2020’
जैसे जैसे जानवरों पर होने वाले शोषण एवं उनकी पीड़ा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही वैसे वैसे क्रूरता-मुक्त कपड़ों और उत्पादों की मांग बाज़ार में तेज़ी से पैर पसार रही है, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने ‘वीगन फ़ैशन अवार्ड्स 2020’ के विजेताओं के नामों की घोषणा की है। यह फ़ैशन अवार्ड ऐसे संस्थानों, ब्राण्ड्स एवं व्यक्तियों को सम्मानित करता है जो पशु क्रूरता मुक्त उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं ।
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- सर्वश्रेष्ठ फ़ैशन मूमेंट: Lakmé Fashion Week का ‘सस्टेनेबल फ़ैशन डे’ (जोकि पूरी तरह से चमड़ा-मुक्त था)
- सर्वश्रेष्ठ वीगन ट्रेनर (जूते): adidas India’s Unisex adidas Originals Continental 80 Shoes
- सर्वश्रेष्ठ वीगन स्टाइल हस्ती: ऋचा चड्ढा (जिन्होंने कहा, “मैं न केवल प्राकृतिक कपड़ों से निर्मित परिधानों का चयन करती हूँ बल्कि सिल्क और चमड़े के बजाए हमेशा सूती पहनना पसंद करती हूँ। मैं प्रकृति-विरोधी जीवनशैली का पूर्ण रूप से विरोध करती हूँ।“)
- सर्वश्रेष्ठ वीगन एक्टिव वियर: मिलिंद सोमन का ब्रांड Deivee
- सर्वश्रेष्ठ वीगन ऊन: Faborg (इसके WEGANOOL™ का निर्माण मदार या Calotropis नाम के औषधीय पौधों से किया जाता है)
- सर्वश्रेष्ठ वीगन चमड़ा: Malai (इसका निर्माण नरियाल उद्योग से निकलने वाले कूड़े से किया जाता है)
PETA इंडिया और इसके सहयोगियों ने कई वीडियो प्रकाशित करके फ़ैशन उद्योग में जानवरों पर होने वाले अत्याचार का पर्दाफाश किया है जिसमें ऊन के लिए भेड़ों को पीटना व उनके शरीरिक अंगों को छिन्न-भिन्न करना; मोहेयर और कश्मीरी (ऊन) निकालने के दौरान भेड़ों के शरीर पर गहरे व खूनी घाव बना देना, चमड़े के लिए गायों को बिजली के करंट लगाना, मारना व जलाना; बतख और कलहंसों के पंखों को हाथ से नोंच कर उखाड़ना; विदेशी चमड़ा उद्योग द्वारा जिंदा मगरमच्छों के सिर में लोहे की रोड डालना; फर फार्मों में जानवरों को पीट कर, करंट देकर व दम घोंट कर उन्हें मौत के घाट उतार देना; और सिल्क के निर्माण के लिए जिंदा रेशम के कीड़ों को उबलते पानी में डाल देना शामिल हैं।
जानवरों के चमड़े से कपड़े बनाने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा व हानिकारक रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरण को गहरी क्षति पहुंचती है। साल 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट “Pulse of the Fashion Industry” के अनुसार चमड़ा और सिल्क उद्योग सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाले फ़ैशन उद्योग हैं।
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