PETA इंडिया की अपील के बाद मणिपुर पुलिस ने बकरीद के अवसर पर जानवरों के अवैध परिवहन और हत्या को रोकने हेतु कार्यवाही की
PETA इंडिया ने मणिपुर के डाइरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को पत्र लिखकर ईद के अवसर पर जानवरों के अवैध परिवहन और हत्या को रोकने हेतु कार्यवाही करने की अपील की जिसके बाद राज्य के पुलिस मुख्यालय ने हर जिले के पुलिस अधीक्षकों को एक आदेश जारी करके यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य में कोई भी अवैध पशु बलि न हो। ऐसी ही सलाह भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड ने अपने 25 जून के परिपत्र में भी दी थी।
PETA इंडिया ने अपने पत्र में बताया कि देश भर में धार्मिक अवसरों हेतु दी जाने वाली पशु बलि/कुर्बानी में जानवरों की अनेकों प्रजातियों जैसे बकरों, भेड़ों, भैंसो, मुर्गों, हिरणों, लोमड़ियों, उल्लुओं व अन्य जानवरों को बड़ी बेदर्दी से उनकी गर्दन काट कर, उनका सिर धड़ से अलग करके, गर्दन मरोड़ कर, नुकीले हथियार मारकर, पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया जाता है और होश में होने के बावजूद उनके गले काट दिये जाते हैं।
अपने पत्र में PETA इंडिया ने यह भी बताया कि कुर्बानी के लिए परिवाहित किए जाने वाले जानवरों को ले जाते समय पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3 और 11; पशु परिवहन नियम, 1978; और केंद्रीय मोटर वाहन (ग्यारहवां संशोधन) नियम, 2015 के नियम 125E का उल्लंघन होता है जिसमें पशुओं का परिवहन करने वाले मोटर वाहनों के लिए विशेष शर्तें शामिल हैं। जानवरों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के कारण अक्सर परिवहन के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है, जिसे भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 428 और 429 के तहत संज्ञेय अपराध माना जा सकता है।
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