PETA इंडिया के ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ अभियान हेतु कई संसद सदस्य वीगन जीवनशैली अपनाएँगे
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4 June 2021
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दिल्ली – ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ (5 जून) के अवसर पर विभिन्न पार्टियों के कई संसद सदस्यों ने एक दिन के लिए वीगन जीवनशैली अपनाने अर्थात पशुओं से मिलने वाले सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे अंडा, मांस और डेयरी, आदि का त्याग करने का निर्णय लिया है। ऐसा करके यह सभी संसद सदस्य जनता के बीच इस संबंध में जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगे कि पर्यावरण-हितैसी खाद्य विकल्पों का चुनाव कर हम अपने ग्रह के संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं।
इस विशेष पहल में भाग लेने वाले संसद सदस्यों के नाम हैं मेनका गांधी, सांसद पीलीभीत; शफीकुर रहमान बरक, सांसद संभल; बेलाना चंद्रशेखर, सांसद विजयनगरम; अजय भट्ट, सांसद नैनीताल-उधमसिंह नगर; चिंता अनुराधा, सांसद अमलापुरम; विजय हंसदक, सांसद राजमहल; सुनीता दुग्गल, सांसद सिरसा और कौशल किशोर सांसद मोहन लालगंज।
‘पशु कृषि’ का तात्पर्य मानव सेवन हेतु जानवरों के औद्योगिक प्रजनन, पालन-पोषण एवं उनकी हत्या से है। यह दुनियाभर में प्रदूषण, मृत क्षेत्र (ocean dead zones), भूमि प्रयोग, पर्यावास क्षति और विभिन्न जीव-जंतुओं की विलुप्ति का प्रमुख कारण है। मांस, अंडा और डेयरी के लिए पाले जाने वाले पशुओं के पालन पोषण पर दुनिया के ताजे पानी का एक तिहाई हिस्सा इस्तेमाल होता है और कुछ अनुमानों के अनुसार, इसके कारण दुनियाभर के परिवहन से होने वाले गैस उत्सर्जन से कही अधिक ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन होता है। Nature नामक एक पत्रिका द्वारा किए गए शोध के अनुसार, अगर पूरा विश्व मुख्यतः पेड़-पौधों पर आधारित भोजनशैली अपना लें तो भोजन तंत्र से होने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन को आधा किया जा सकता है। वीगन जीवनशैली अपनाने वाला हर व्यक्ति अपने कार्बन फुटप्रिंट को 73% तक कम कर सकता हैं और हर वर्ष 200 जानवरों की जान बचा सकता हैं।
MP अनुराधा चिंता ने कहा, “मुझे PETA इंडिया के ग्रीन अभियान में भाग लेने और विश्व पर्यावरण दिवस के लिए वीगन भोजन ग्रहण करने की बहुत खुशी है। अपनी भोजनशैली में केवल एक छोटा-सा बदलाव कर और पेड़-पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ ग्रहण कर, हम पर्यावरण-परिवर्तन के खिलाफ़ लड़ाई में अपना योगदान दे सकते हैं।“ MP कौशल किशोर ने एक वीडियो संदेश साझा कर, सबसे ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर वीगन जीवनशैली अपनाने का अनुरोध किया।
PETA इंडिया की वीगन आउटरीच कोऑर्डिनेटर डॉ. किरण आहूजा ने कहा, “इन सभी सांसदों ने बहुत ही निर्भिक ढंग से जनता को यह बताने का प्रयास किया है कि हम केवल वीगन खाद्य पदार्थों का चुनाव कर, जानवरों की जान बचा सकते हैं, पानी की खपत में कटौती कर सकते हैं और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी कमी ला सकते हैं। PETA इंडिया सभी से अनुरोध करता है कि वह हमारे सांसदों से प्रोत्साहित होकर वीगन जीवनशैली अपनाए और हर दिन इस पृथ्वी के संरक्षण में अपना योगदान दें।“
PETA UK के अनुरोध पर अप्रैल में ‘अर्थ डे’ के अवसर पर, बारह से ज़्यादा ब्रिटिश MPs ने वीगन जीवनशैली अपनाई थी।
PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है, “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं हैं,” और प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमें वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ या आप हमें Twitter, Facebook, या Instagram पर फॉलो भी कर सकते हैं।
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