कोविड -19 जोखिम के मद्देनजर 80 डॉक्टरों ने जल्लीकट्टू को रोकने की अपील की
जैसा कि दुनिया भर के देशों ने बढ़ते COVID-19 मामलों और ओमीक्रोन वैरिएंट के खतरे के जवाब में नए सुरक्षा दिशानिर्देश लागू किए हैं, PETA इंडिया ने खुलासा किया है कि 80 डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री थिरु एमके स्टालिन और चिकित्सा, शिक्षा और परिवार कल्याण व स्वास्थ मंत्री थिरु मा सुब्रमण्यम से अपील की है कि जल्लीकट्टू आयोजनों की अनुमति ना दी जाए क्योंकि भारी तादात में एक साथ जमा होने पर ऐसे आयोजन जनता के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं।
तमिलनाडु सरकार द्वारा 2017 में जल्लीकट्टू को पुनः आयोजित करने की अनुमति देने के बाद से, अब तक हुए जल्लीकट्टू कार्यक्रमों में कम से कम 22 बैल और 69 मनुष्यों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,696 से अधिक लोग घायल हुए हैं। PETA इंडिया ने इन आयोजनों के दौरान हजारों की तादात में शामिल होने वाले बैलों के साथ अत्यधिक क्रूरता के मामलों का दस्तावेजीकरण भी किया है। 2021 की घटनाओं के वीडियो फ़ुटेज में नकाबपोश लोगों की भीड़ को नज़दीकी रूप से दिखाया गया है, जो COVID-19 व विशेष रूप से ओमिक्रोन संक्रमण का आसानी से प्रसार करने के लिए घातक साबित होने वाली स्थितियाँ हैं। PETA इंडिया की इन वीडियो फुटेज से पता चलता है कि जल्लीकट्टू के दौरान, प्रतिभागी डरे सहमे बैलों की पूंछ के कट मारकर, उन्हें नाक में बंधी रस्सियों से खींचकर और उन्हें हथियारों के डर से अखाड़े में घुसा देते है। घबराए व डरे सहमे बैल अक्सर इंसानों और बैरिकेड्स से टकराते हैं, अक्सर उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं या फिर वह मौत का शिकार होते हैं।
अधिकारियों से अनुरोध करें कि वह जल्लीकट्टू आयोजन की अनुमति न दें