कोलकाता स्थित “विक्टोरिया मेमोरियल” के पास घोड़े को कुचलने वाले अपराधियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़
PETA इंडिया और केप फाउंडेशन की ओर से 8 फरवरी को दर्ज़ शिकायत के बाद, कोलकाता पुलिस ने एक गाड़ी के मालिक और उसके साथियों के खिलाफ विक्टोरिया मेमोरियल के सामने घोड़े के साथ दुर्व्यवहार करने हेतु FIR दर्ज की, जिसके परिणामस्वरूप यह जानवर व्यस्त सड़क पर गिर गया। यह FIR “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960” की धारा 11 (1) (B) और “भारतीय दंड संहिता, 1860” की धारा 34 और 289 के तहत दर्ज़ की गई है। शिकायतकर्ता ने कहा कि घोड़े कमजोरी और थकावट के कारण भी गिर सकते हैं, जो आमतौर पर खराब पोषण और पानी की कमी के साथ काम करने के लिए मजबूर होने का परिणाम है।
इस घटना की सूचना स्थानीय निवासी सौरव सिंह द्वारा दी गयी, जिनके द्वारा इस घटना का विडियो भी रिकॉर्ड किया गया। इसमें देखा जा सकता है कि एक बेहद कमज़ोर घोड़ा, गाड़ी से टकराकर जमीन पर गिर गया और लोगों ने उसे धक्का देने और उठाने के लिए कुहनी मारने से पहले उसके शरीर को कील को हटाने का प्रयास किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्री गाड़ी से उतरते समय ट्रैफिक भी रोक रहे हैं।
PETA इंडिया और CAPE फ़ाउंडेशन की एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, शहर में सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सौ से अधिक घोड़े एनीमिक, कुपोषित और भूख से पीड़ित हैं और साथ ही कई जानवरों की हड्डियाँ टूटी हुई हैं और इन्हें अपने ही मल-मूत्र के बीच शहर के बेहद गंदे, जर्जर और अवैध रूप से कब्जे वाले परिसरों में कैद करके रखा गया है जिनमें फ्लाईओवर के नीचे का एक तंग क्षेत्र शामिल है। अध्ययन रिपोर्ट में सड़कों पर सवारी करने वाले घोड़ों से हुई 10 अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को संकलित कर बताया गया है कि यह पर्यटकों के लिए कितना खतरनाक है। याचिका के अनुसार, शहर में घोड़ागाड़ियों का प्रयोग पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, कोलकाता नगर निगम अधिनियम, 1980 और कलकत्ता हैकनी-कैरिज अधिनियम, 1919 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=DLkyQx8AA-I
नीचे दी गयी याचिका पर हस्ताक्षर करके, PETA इंडिया के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल में मनोरंजन हेतु घोड़ागाड़ियों की प्रथा को समाप्त कराने में अपना सहयोग दें:
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