‘प्रयोगशालों में इस्तेमाल होने वाले जानवरों के लिए विश्व सप्ताह’ के उपलक्ष्य में उन जानवरों की पीड़ा को उजागर करती महिला का प्रदर्शन

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21 April 2022

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Hiraj Laljani; [email protected]

Radhika Suryavanshi; [email protected]

पुणे: ‘प्रयोगशालों में प्रयोग होने वाले जानवरों के लिए विश्व दिवस’ (24 अप्रैल) एवं सप्ताह से ठीक पहले, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की एक कार्यकर्ता इंडिया एवं विश्वभर की प्रयोगशालाओं में जानवरों के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार और उन्हें

मौत के घाट उतारे जाने के क्रूर तरीकों के विरोध में एक थिएटर-शैली के ग्राफिक वाले स्ट्रीट प्रदर्शन के माध्यम से इन जानवरों की पीड़ा को प्रदर्शित करेंगी। इस प्रदर्शन में वह जानवरों को मारे जाने से पहले उन्हें पिंजरे में कैद करके टेबल पर बांध दिये जाने एवं जबरन रसायनों का सेवन कराकर उन्हें बिजली के करंट लगाने जैसी प्रक्रिया को दिखाएंगी। इसी दौरान PETA इंडिया के अन्य सदस्य प्रयोगशालाओं में उसी प्रकार के दुर्व्यवहार से पीड़ित असली जानवरों की तस्वीरों वाले पोस्टर प्रदर्शित करेंगे:

समय एवं दिनांक       :  शुक्रवार, 22 अप्रैल, दोपहर 12 बजे

स्थान                       :  वेस्टसाइड स्टोर के बाहर, फर्ग्यूसन कॉलेज रोड, पुणे, महाराष्ट्र

PETA इंडिया की साइन्स पॉलिसी एडवाइजर डॉ. अंकिता पाण्डेय ने कहा, “अधिकांश लोगों को पता नहीं है कि भारत और दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में संवेदनशील जानवरों को आज भी कैसे प्रताड़ित करके, मौत के घाट उतारा जाता है। जानवरों पर किए जाने वाले अविश्वसनीय और अनैतिक परीक्षणों का अंत करना एवं गैर-पशु परीक्षण विधियों में निवेश करना मनुष्यों, अन्य जानवरों और विज्ञान तीनों के भविष्य के लिए बेहतर होगा।“

PETA इंडिया इंगित करता है कि प्रतिवर्ष प्रयोगों के दौरान कई बंदरों, कुत्तों, चूहों व अन्य जानवरों को प्रयोगशालाओं में अंधा कर दिया जाता है, जला दिया जाता है, खुले वातावरण में उनके अंग विच्छेदित कर दिये जाते है, उनको जहर दिया जाता है और अनेकों नशीले पदार्थ खिलाये जाते हैं। यह सभी परीक्षण ना केवल क्रूर हैं बल्कि इंसान एवं जानवरों की शारीरिक बनावट अलग होने के कारण इन परीक्षणों के परिणाम मनुष्यों के लिए अनुपयुक्त भी हैं। जानवरों पर परीक्षण करने के विपरीत परीक्षण की आधुनिक तकनीकें जैसे ‘in vitro’ या फिर ‘in silico’ तकनीक जानवरों पर परीक्षण करने की बजाए इन्सानों के परिपेक्ष में अधिक भरोसेमंद व किफ़ायती हैं।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर हमारे परीक्षण करने के लिए नहीं हैं” प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ एवं हमें TwitterFacebook, और Instagram पर फॉलो करें।

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