बड़ी जीत! PETA इंडिया ने भाजपा पार्षद के साथ समारोह में मुंबई की बर्फ़ ढ़ोने वाली बैलगाड़ियों को मोटर गाड़ियों से बदला
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30 March 2022
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मुंबई – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के सौजन्य से 30 मार्च को आयोजित एक समारोह में मुंबई में बर्फ ढोने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे अंतिम पांच बैलों के समर्पण के बदले, वार्ड नंबर 36 से भाजपा पार्षद दक्षा पटेल जी ने दो कमर्शियल तीन पहिया वाहन और दो चार पहिया मिनी-ट्रकों की चाबी बैलगाड़ी मालिकों को सौंपी। PETA इंडिया द्वारा इन बचाए गए बैलों की सांगली के एक अभयारण्य में अपना शेष जीवन शांतिपूर्ण ढ़ंग से बिताने की व्यवस्था भी की गयी है।
इस विशेष आयोजन की फ़ोटो एवं विडियो को मांगे जाने पर उपलब्ध करवाया जाएगा
PETA इंडिया के CEO डॉ. मणिलाल वलियते के अनुसार, “किसी भी जानवर को भारी भरकम गाड़ियों को खींचने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह जानवरों के लिए थकावट का कारण बनने के साथ-साथ यातायात दुर्घटनाओं और गंभीर चोटों के लिए भी ज़िम्मेदार है। PETA इंडिया, परिवहन के क्रूरता-मुक्त साधनों को अपनाने के लिए तांगा मालिकों और सोनावाला बर्फ़ फ़ैक्टरी की सराहना करता है और इन घोड़ों को एक बड़ी सेंक्चुरी में शांतिपूर्ण जीवन प्रदान करके हमें बहुत खुशी होगी।“
इन पशुओं के बीमार या घायल होने के बावजूद भी इनसे काम लिया जाता है। तांगा मालिक चाबुक, दर्दनाक नाक की रस्सियों, और नुकीले बिट्स का उपयोग करते हुए उन्हें ओवरलोडेड गाड़ियों को ढोने के लिए मजबूर करते हैं। इन जानवरों को उचित पोषण, पर्याप्त पानी या चिलचिलाती धूप से बचने के लिए छाया जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। आमतौर पर इन जानवरों का प्रयोग इनकी मृत्य तक किया जाता हैं और इन्हें आम स्वास्थ्य समस्याओं जैसे घाव, फोड़े, मांसपेशियों और जोड़ों की बीमारियों, कैंसर, अंधापन और योक गाल के लिए पशु चिकित्साकीय देखभाल से भी वंचित रखा जाता है।
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर हमारा शोषण सहने के लिए नहीं हैं” इंगित करता है कि दिल्ली मशीनीकरण परियोजना से लाभान्वित परिवारों को ई-रिक्शा का उपयोग करने से आय में काफ़ी वृद्धि हुई है और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। PETA इंडिया का लक्ष्य है कि दिल्ली सरकार, ई-रिक्शा डीलरों और वित्त कंपनियों के सहयोग से शहर को पशु-गाड़ी मुक्त बनाना है। समूह के अनुसार, ई-रिक्शा के प्रयोग से जानवरों के बीमार या घायल होने व परिवहन नियमों जैसे कारणों से गाड़ी मालिकों की आजीविका में कोई व्यवधान नहीं आता है। दिल्ली के परिवहन विभाग ने शहर में ई-रिक्शा के संचालन और नियमन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। दिल्ली का परिवहन विभाग भी ई- रिक्शा खरीदने के लिए ₹30,000 की सब्सिडी भी प्रदान करता है।
PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्योंकि यह ऐसी विचारधार है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें Twitter, Facebook, और Instagram पर फॉलो करें।
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