बड़ी ख़बर: Burberry ने विदेशी जानवरों के चमड़े पर रोक लगाई!
पशु अधिकारों के हक में काम करने वाले लोगों को इस ख़बर की बहुत खुशी है कि Burberry ने विदेशी जानवरों के चमड़े पर रोक लगा दी है! यह अच्छी ख़बर PETA इंडिया द्वारा चलाए गए सात साल के निरंतर अभियान के बाद आयी है।
इसके लिए हमने बहुत से प्रयास किए जैसे, जांच द्वारा जानवरों पर होने वाली क्रूरता का पर्दाफ़ाश करना, फ़ैशन वीक के दौरान सड़कों पर प्रदर्शन करना, बोर्डरूम मीटिंग्स के दौरान अपने विचार रखना और कई अवसरों पर कंपनी को विदेशी जानवरों के चमड़ा उद्योग के कारण जानवरों को होने वाली पीड़ा और इस ग्रह को होने वाले नुकसान के संबंध में अवगत कराना। हाल ही में, COVID-19 शेयर बाजार में मंदी के दौरान, PETA US Burberry में एक शेयरधारक बना और कंपनी की वार्षिक बैठक के दौरान विदेशी जानवरों के चमड़े पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
वर्ष 2018 के दौरान, PETA की विभिन्न शाखाओं द्वारा चलाए गए एक दशक से भी अधिक के अभियान के बाद Burberry ने फर और अंगोरा पर प्रतिबंध लगा दिया। अब हम Calvin Klein, Chanel, Jil Sander, Mulberry, Vivienne Westwood, Victoria Beckam, जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों को भी विदेशी चमड़े का त्याग करते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं।
मगरमच्छ और अजगर इंसानों के हैंडबैग नहीं हैं
कई खुफ़िया जाँचों से सामने आया है कि विदेशी जानवरों का चमड़े उद्योग जानवरों की अत्यधिक पीड़ा, सामाजिक गंदगी, अस्वच्छ वातावरण और भीषण हिंसा एवं हत्या को बढ़ावा देता है।
PETA इंडिया की हालिया जांच से सामने आया कि फैशन उद्योग के लिए पाले गए अजगरों को तारों से बने गंदे पिंजरों में कैद रखा जाता हैं जिसमें वह अपने सिकुड़े शरीर के साथ पूरा जीवन व्यतीत करते हैं। फ़ार्म कर्मियों द्वारा इन जानवरों के मुंह और गुदे को रब्बर भरकर बंद किया जाता है, उनके सिर या पुंछ में छेद किया जाता है, इन जानवरों के शरीर में हवा भरी जाती है और उन्हें मौत के घाट उतारते समय और अधिक पीड़ित किया जाता है।
US और अफ़्रीका में जांचकर्ताओं ने पाया कि मगरमच्छों को अंधेरे शेडों में एक-साथ अपने मल-मूत्र एवं गंदे पानी में डुबाकर रखा जाता है। फ़ार्म कर्मियों द्वारा जानवरों के गलों को बेहद क्रूरता से चीरा जाता है और उनके दिमाग पर चोट करने के लिए उनकी खोपड़ी पर लोहे की रोड से वार किया जाता है। इसके बाद भी कुछ जानवरों को कई मिनटों तक होश में अपने पैर हिलाते पाया गया। इसके बाद इन जानवरों के चमड़े को “लक्जरी” बनाने हेतु यूरोप में निर्यात किया जाता है।
सामाजिक स्वस्थ ख़तरा
संरक्षण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जंगली जानवरों को अस्वच्छ परिस्थितियों में कैद करना और उनकी हत्या करना, जानवरों की तीव्र पीड़ा के साथ-साथ COVID-19 जैसी ख़तरनाक महामारी के उदय का भी कारण बन सकता है।
“संयुक्त राष्ट्र” और “विश्व स्वास्थ्य संगठन” सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की चेतावनी है कि प्रकृति के साथ मानव जाति का संबंध पूरी तरह से टूट गया है और दूसरी महामारी का कारण फ़ैशन उद्योग की जानवरों के प्रति क्रूरता होगी।
क्या अगला नंबर Hermès, Gucci, और Louis Vuitton जैसे ब्रांडों का है?
जब हम मांग करते हैं तो वह सुनते हैं। अन्य फ़ैशन ब्रांडों से शोषित जानवरों के चमड़े के बजाय दयालु और पशु-मुक्त सामग्री का उपयोग करने का अनुरोध करें। Hermès, Gucci, और LVMH से Louis Vuitton के मालिक से शिक्षा लेते हुए, विदेशी जानवरों के चमड़े का त्याग करने का अनुरोध करें: