PETA इंडिया की याचिका के बाद, पंजाब पुलिस ने जानवरों की अवैध कुर्बानी और हत्याओं के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी

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08 July 2022

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Dr Kiran Ahuja; [email protected]

चंडीगढ़- पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की याचिका और भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सर्कुलर के बाद, जांच ब्यूरो, पंजाब ने पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर ईद-उल-अज़हा के दौरान जानवरों के अवैध परिवहन और हत्याओं को रोकने हेतु कठोर कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

जांच ब्यूरो के निदेशक द्वारा जारी इस आदेश की कॉपी मांगे जाने पर उपलब्ध करवाई जाएगी।

PETA इंडिया की एडवोकेसी एसोसिएट फरहत उल ऐन कहती हैं- सभी धर्म व मज़हब करुणा का संदेश देते हैं और पशु संरक्षण क़ानूनों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। PETA इंडिया पंजाब पुलिस द्वारा जानवरों की जीवन सुरक्षा की कार्यवाही की सराहना करता है जिससे अनगिनत जानवरों को नुकसान से बचाया जा सकेगा”।

मांस के लिए जानवरों की कुर्बानी और हत्या के संबंध में दो मामलों पर सुनाये गए अपने फैंसले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जानवरों का वध केवल आधिकारिक रूप से लाइसेन्स प्राप्त बूचड़खानों में ही किया जा सकता है और नगरपालिका अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून के तहत केवल उन्हीं पंजीकृत बूचड़खानों में जानवरों का वध करने की अनुमति है जो विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को बेहोश करके वध करने हेतु विशिष्ट उपकरणों से लैस हैं।ईद के त्यौहार के चलते जानवरों के परिवहन के संबंध में बने क़ानूनों का भी अक्सर उलंघन किया जाता है।

इस समय के दौरान जानवरों के परिवहन के संबंध में आमतौर पर अवैध तरीकों को अपनाया जाता है जैसे ट्रकों या वाहनों में ठूस ठूस कर जानवरों को भरा जाना जिससे उनका दम घुटता है व परिवहन के दौरान उनकी हड्डियाँ टूट जाती है। हत्या हेतु ले जाते समय हेतु मारते पीटते हुए कुर्बानी वाली जगह तक लाया जाता है और फिर तेज़ धारदार हथियार से गैर प्रशिक्षित कसाइयों द्वारा उन छोटे बच्चों के सामने इन जानवरों का गला रेंत कर उन्हें धीरे-धीरे तड़फ-तड़फ कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है जो बच्चे इन जानवरों को मरते हुए नहीं देखना चाहते।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं हैं” यह संज्ञान लेता है कि कई वीगन या शाकाहारी जीवन जीने वाले मुस्लिम ईद-उल-अज़हा के दौरान जानवरों की हत्या की बजाए गरीब एवं जरूरत मंद लोगों की मदद करके त्यौहार मनाते हैं।

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