मोनिका और करिश्मा के मशहूर फ़ैशन ब्रांड JADE ने ‘PETA-स्वीकृत वीगन’ लोगो को अपनाया
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12 August 2022
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मुंबई – हाल ही में मोनिका शाह और करिश्मा सवाली के बेहद लोकप्रिय ब्रैंड JADE ने पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के “PETA-स्वीकृत वीगन” प्रोग्राम का हिस्सा बनकर अपने पूर्ण रूप से चमड़ा-मुक्त ब्राइडल एवं लक्ज़री फैशन उत्पादों को लेबल करना का निर्णय लिया है। यह ब्रैंड अपने हाथ से बने बेहद आकर्षक परिधानों के लिए मशहूर है जिनपर कढ़ाई करने के लिए कई-कई दिनों का समय लगता है और अब इसके द्वारा सिल्क, चमड़े, ऊन और अन्य पशु-व्युत्पन्न सामग्री का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा।
मोनिका शाह ने कहा, “एक स्वदेशी लेबल होने के नाते हमें गांधी जी के संवेदनशीलता, करुणा और सभी सजीव प्राणियों के प्रति सम्मान जैसे अहिंसावादी मूल्यों को अपनाने पर गर्व है। यह स्पष्ट है कि हमारे सभी प्रकार के वीगन उत्पाद पशुओं को किसी भी प्रकार की पीड़ा दिए बिना भी बेहद आकर्षक लगते हैं।“
PETA इंडिया की सीनियर मीडिया एंड सेलेब्रिटी प्रोजेक्ट्स कोऑर्डिनेटर मोनिका चोपड़ा ने कहा, “JADE के हाथ से बने उत्पादों का कण-कण इस ब्रैंड की जानवरों के प्रति करुणा को दर्शाता है। JADE द्वारा अपने PETA-स्वीकृत वीगन उत्पादों से आज के प्रगतिशील उपभोक्ताओं को बेहतरीन दयालु विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं।“
आज के समय में बहुत सी कंपनियाँ पर्यावरण-हितैषी कारणों से अपने उत्पादों के लिए वीगन फ़ैशन अपना रही हैं। PETA इंडिया द्वारा खुलासा किया गया है कि गायों, सांपों एवं अन्य जानवरों को उनके चमड़े या फर के लिए अक्सर मौत के घाट उतारा जाता है या इन जानवरों के जिंदा रहते ही इनकी चमड़ी को छीला जाता है। ऊन उद्योग के कर्मचारियों को भेड़ों को इधर-उधर फेंकते, मारते और उन्हें अपने पैरों से दबाते भी पाया गया। सिल्क उद्योग में एक साड़ी के निर्माण हेतु लगभग 50,000 रेशम के कीड़ों को खोलते पानी में उबालकर मौत के घाट उतारा जाता है।
JADE द्वारा पुरुष और महिलाओं के लिए बहुत जल्द एक वीगन एक्सेसरी लाइन का लॉंच किया जा रहा है जिसमें इटालियन सेटन और जपानीज़ क्रिस्टल से बने जूते और सिल्वर, डेनिम एवं गोल्ड-प्लाटेड एनामेल से बने बेग शामिल हैं। JADE ऐसे दयालु ब्रांडों, डिज़ाइनरों और कंपनियों की लंबी सूची में शामिल हो गया है जिनके द्वारा “PETA-स्वीकृत वीगन” लोगो का प्रयोग किया जाता है।
PETA इंडिया जो इस धारणा में विश्वास रखता है कि “जानवर हमारे वस्त्र बनने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकी यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमे मनुष्य इस संसार में स्वयं को सर्वोपरि मानकर अन्य समस्त प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें Twitter, Facebook, व Instagram सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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