PETA इंडिया की कार्यवाही के बाद, जयपुर में कुत्ते को पत्थर से कुचलकर मौत के घाट उतारने वाले आरोपी के खिलाफ़ मामला दर्ज़

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30 September 2022

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जयपुर – यह ख़बर मिलने के बाद कि किसी अपराधी द्वारा एक सोते हुए सामुदायिक कुत्ते को बड़ी ही बेरहमी के साथ पत्थर से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने कुत्ते की देखभाल करने वाले एवं उसके साथ बर्बरता की जानकारी देने वाले श्री नरेश कुमार मीना, स्थानीय कार्यकर्ता मरियम अबुहैदरी एवं जयपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से भारतीय दंड संहिता की 429 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(a) एवं (l) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई है। इस बर्बर घटना की वीडियो सामने आया था जिसे यहाँ देखा जा सकता है। यह घटना 27 सितंबर की शाम जयपुर के सिद्धार्थ नगर इलाके की है।

PETA इंडिया के मैनेजर ऑफ क्रूएल्टी रिसपोन्स प्रोजेक्ट्स मीत अशर ने कहा- “हम जयपुर पुलिस की इस त्वरित कार्यवाही की सराहना करते हैं जिससे जनता के बीच यह संदेश जाएगा की जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता को सहन नहीं किया जाएगा। जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए जैसा की इस मामले में किया गया है।“

मरियम अबुहैदरी ने कहा, “जयपुर शहर में इस प्रकार का बर्बर मामला पहली बार सामने आया है। इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और इसे काउंसलिंग देने की ज़रूरत है। इस प्रकार के मामले यह साबित करते हैं कि देश में पशु शोषण के खिलाफ़ सख़्त कानूनों की कितनी आवश्यकता है।“

PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि (law) की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में 71% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है,  जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।

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