आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मऋषि मोहनजी के वीगन जीवनशैली के बारे में विचार
वर्ष 2021 में PETA इंडिया के सबसे प्रभावशाली वीगन के पुरस्कार विजेता और विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी ब्रह्मऋषि मोहनजी ने एक विशेष वीडियो साक्षात्कार के माध्यम से वीगन जीवनशैली के संबद्ध में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने इस वीडियो में अहिंसा के महत्व और अन्य प्राणियों को नुकसान न पहुंचाने और उनकी हत्या न करने के महत्व को उल्लेखित किया।
मोहनजी द्वारा वीगन जीवनशैली को दया, करुणा और प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में उल्लेखित किया गया और उन्होंने स्वयं के स्वार्थ हेतु अन्य प्रजातियों का खून न बहाने के महत्व प्रदर्शित किया। इस व्याख्यान में सभी प्राणियों का सम्मान करने पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके मन में मातृत्व के लिए गहरा सम्मान है और वह गायों और उनके बछड़ों के बीच संबंधों की गहरी परवाह करते हैं।
प्राकृतिक रूप से, गाएँ इंसानों की तरह केवल अपने बच्चों का पेट भरने के लिए दूध का उत्पादन करती हैं। मोहनजी के अनुसार, गाय के दूध का सेवन कानूनी रूप से वैध हो सकता है लेकिन यह नैतिक रूप से बहुत गलत है। डेयरी फार्मों पर, दूध का उत्पादन करने के लिए गायों को जबरन गर्भवती किया जाता है और उनके बछड़ों को जन्म के केवल कुछ समय बाद ही उनसे अलग कर दिया जाता है जिससे माता और शिशुओं दोनों को गहरी भावनात्मक क्षति का सामना करना पड़ता है। इन बछड़ों को अक्सर मौत के घाट उतार दिया जाता है जिससे उनके लिए उत्पादित दूध का प्रयोग मनुष्यों के लिए किया जा सके।
जानवरों के शोषण का एक मात्र कारण डेयरी उद्योग नहीं है। अंडा उद्योग भी अनगिनत मुर्गों के शोषण का प्रमुख कारण है जिसके कारण मोहनजी द्वारा वीगन जीवनशैली अपनाई गयी है।
मोहनजी द्वारा पशुओं से प्राप्त किसी प्रकार की खाद्य सामग्री का सेवन नहीं किया जाता है जिसमें पशुओं का मांस, अंडे या पशुओं से प्राप्त दूध शामिल है। यह जानने के लिए कि मोहनजी द्वारा पशु चमड़े से बने पदार्थों को पहना क्यों नहीं जाता है, पशुओं पर प्रयोग होने वाले पदार्थों का सेवन क्यों नहीं किया जाता है या पशु दुर्व्यवहार से जुड़े उद्योगों का समर्थन क्यों नहीं किया जाता है, कृपया यह प्रभावशाली वीडियो देखिए।
अगर आप मोहनजी के शब्दों से प्रभावित महसूस कर रहे हैं, तो कृपया PETA इंडिया की वीगन जीवनशैली अपनाने की शपथ लें।
वीगन जीवनशैली अपनाने की शपथ लें!