PETA इंडिया की शिकायत के बाद, गाजियाबाद पुलिस ने बिल्ली को पीट-पीटकर मारने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की
यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि गाजियाबाद जिले के मोदीनगर शहर के शाहजहाँपुर गांव में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर एक सामुदायिक बिल्ली को बांस से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया, PETA इंडिया द्वारा मोदीनगर पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गयी है। इसके आधार पर, सभी आरोपियों के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 429 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3, 11(1)(A), 11(1)(L), और 38 के तहत FIR दर्ज़ कराई गयी है। इस क्रूर घटना की सूचना एक दयालु निवासी ने PETA इंडिया को दी थी, जिन्होंने यूट्यूब पर हत्या का एक वीडियो देखा था। PETA इंडिया की क्रुएल्टी रिस्पांस टीम ने आरोपी का पता लगाने में कई दिन प्रयास किया और उसकी पहचान करने के लिए गाजियाबाद पुलिस के साथ काम किया।
PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर Journal of Emotional Abuse द्वारा किए गए एक अध्ययन में 71% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।
हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।
पशु शोषणकारियों के खिलाफ़ मज़बूत दंड प्रणाली की मांग करें