PETA इंडिया के सौजन्य से, एशिया की पहली सहानुभूति-उत्पन्न करने वाली एनिमेट्रोनिक हथिनी ने अहमदाबाद स्कूल का दौरा किया, जिसे मशहूर अभिनेत्री दीया मिर्जा द्वारा अपनी आवाज दी गई है

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया द्वारा देशभर के छात्रों के अंदर पशुओं के प्रति सहानुभूति निर्मित करने के उद्देश्य से एक टूर का आयोजन किया गया है और इसी के अंतर्गत गुरुवार को अहमदाबाद स्थित ‘उदगम स्कूल फॉर चिल्ड्रेन’ के छात्रों को ‘ऐली’ नामक एशिया की पहली सहानुभूति-उत्पन्न करने वाली एनिमेट्रोनिक हथिनी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जिसे मशहूर अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा द्वारा अपनी आवाज़ दी गयी है। यह हथिनी बिल्कुल किसी असली हाथी की तरह अपनी आंखे झपकाते हुए और अपने कानों को फड़फड़ाते हुए स्कूली छात्रों को उन हाथियों की दर्दभरी दास्तां सुनाती है जिन्हें बहुत ही कम उम्र में जबरन अपने माताओं से अलग कर दिया जाता है और उन्हें क्रूर सर्कसों में विभिन्न प्रकार के शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है। ऐली की “व्यक्तिगत” कहानी का अंत बेहद सुखद है क्योंकि उसे रेसक्यू करके एक सेंचुरी में भेजा गया जहाँ वह अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत कर रही है।

उदगम स्कूल फॉर चिल्ड्रन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनन चोकशी ने कहा, “मैकेनिकल हथिनी ऐली ने छात्रों को यह समझाने में मदद करी है कि हाथी बुद्धिमान, सामाजिक और भावनात्मक जानवर होते हैं जिनका असल स्थान प्रकृति में अपने परिवार के साथ हैं। इन निर्दोष पशुओं को मानव मनोरंजन हेतु मारना-पीटना और जंजीरों में कैद करना बहुत क्रूर है। हमें खुशी है कि ऐली हमारे स्कूल में छात्रों को पशुओं के प्रति सहानुभूति रखने के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए आई है।”

मनोरंजन के अन्य रूपों के लिए उपयोग किए जाने वाले बंदी हाथियों को करतब दिखाने के लिए मारा-पीटा जाता है और काम न होने पर ज़ंजीरों में कैद रखा जाता है। यह हाथी कैद की निराशा के कारण अक्सर मनुष्यों पर हमला करते हैं। इन्हें पर्याप्त भोजन, पानी, या पशु चिकित्सकीय देखभाल से वंचित रखा जाता है, और इन्हें कठोर सतहों पर एक जगह घंटों खड़े रहने के कारण पैरों से जुड़ी कई दर्दनाक बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसमें गठिया जैसे हड्डी और जोड़ों के रोग शामिल हैं।

 

मई 2023 से, ऐली भारत भर के विभिन्न निजी, सार्वजनिक, अंतर्राष्ट्रीय और सरकारी स्कूलों में लगभग 68,000 छात्रों तक पहुँच चुकी है, और यह संदेश साझा कर रही है कि हाथियों का उपयोग सर्कस, सवारी या अन्य क्रूर मनोरंजन साधनों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अब यह अहमदाबाद के प्रसिद्ध स्कूलों में हजारों बच्चों को दयालुता का पाठ पढ़ाएंगी जिसमें जमनाबाई नरसी स्कूल, आनंद ग्लोबल स्कूल, महात्मा गांधी इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल मिलेनियम, ज़ेबर स्कूल फॉर चिल्ड्रन, रिवरसाइड स्कूल, कैलोरक्स ओलिव इंटरनेशनल स्कूल सहित कई अन्य स्कूल शामिल हैं।

PETA इंडिया द्वारा “दयालु नागरिक” नामक एक मुफ्त मानवीय शिक्षा कार्यक्रम चलाया जाता है जिसका प्रमुख उद्देश्य 8 से 12 वर्ष की आयु के स्कूली छात्रों को जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाना और उनकी मदद करने हेतु प्रेरित करना है। इसका उपयोग 2 लाख से अधिक स्कूलों द्वारा किया गया है और यह पूरे भारत में लगभग 92 मिलियन बच्चों तक पहुँच गया है।