PETA इंडिया की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने एक डंप यार्ड से आठ कुत्तों को बचाया
कल, मुंबई पुलिस ने एक डंप यार्ड जिसे अवैध तरीके से बोर्डिंग सुविधा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, पर छापा मारकर बेहद दयनीय परिस्थितियों से रखे गए आठ कुत्तों को रेस्कयू किया। PETA इंडिया के प्रतिनिधियों की सहायता से मुंबई पुलिस ने यह कार्यवाही कर वहाँ बंदी बनाए गए सभी पशुओं को रेस्कयू किया, जिन्हें जाहिर तौर पर “गार्ड” कुत्तों के रूप में कंपनियों को किराए पर दिया जाता था। इस डंप यार्ड में, इन कुत्तों को बिना किसी हवा-पानी और रोशनी के बंद किया गया था और छोटी-छोटी रस्सियों से बांधकर रखा गया था। इन्हें पर्याप्त भोजन-पानी के बिना अस्वच्छ परिस्थितियों में रहने के लिए जबरन मज़बूर किया जा रहा था। इसके अलावा, यहाँ इन कुत्तों की देखभाल करने के लिए स्वयं इनका मालिक या कोई अन्य कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिस कारण कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी। यहाँ से बचाए गए सभी कुत्तों को पुनर्वास हेतु रायगढ़ स्थित कलोटे एनिमल ट्रस्ट और ठाणे स्थित सिटीजन्स फॉर एनिमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
PETA इंडिया ने नवघर पुलिस स्टेशन में संबंधित डंप यार्ड के मालिक के खिलाफ इन सभी कुत्तों को हमेशा बांधकर रखने एवं इन्हें भोजन-पानी, शेल्टर एवं स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने के कारण पशु क्रूरता में लिप्त होने के खिलाफ़ एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। पशुओं के साथ क्रूर व्यवहार करने के कानूनी परिणामों के बारे में चेतावनी दिए जाने के बाद, मालिक ने स्वेच्छा से कुत्तों को PETA इंडिया को सौंप दिया ताकि इन्हें पुनर्वास से पहले पशु चिकित्सकीय देखभाल मिल सके।
निगरानी तकनीक और सुरक्षा प्रणाली (सर्विलांस टेक्नोलॉजी एंड सिक्योरिटी सिस्टम) में हुई प्रगति के कारण अब कुत्तों को “गार्ड” कुत्तों के रूप में उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। रखवाली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुत्तों को अक्सर उपेक्षा और दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ता है। इन्हें लंबे समय तक अकेला रहने के लिए मज़बूर किया जाता है, छोटी-छोटी रस्सियों से बांधकर रखा जाता है, एवं बिना हवा-पानी और रोशनी वाले स्थानों पर कैद रखा जाता है। “गार्ड” कुत्तों को अक्सर पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है, जिससे उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। इन पशुओं को पर्याप्त पशु चिकित्सकीय देखभाल, भोजन-पानी एवं समाजीकरण से भी वंचित रखा जाता है। कुत्ते हमारे साथी होते हैं न कि कोई सुरक्षा उपकरण और हमें इन्हें हमेशा अपने घर में एक पारिवारिक सदस्य की तरह स्थान देना चाहिए।
पशु दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कठोर दंड प्रावधानों की मांग करें