पटियाला में एक कुत्ते की बेरहमी से हत्या करने वाले अपराधी के खिलाफ़ मामला दर्ज़

Posted on by Erika Goyal

पटियाला में एक कुत्ते की निर्मम हत्या की सूचना मिलने के बाद, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया और इस सामुदायिक कुत्ते की देखभाल करने वाले, संदीप सिंह, कृतिका, देवेशी खन्ना, सौरव खोसला, विक्की और पंकज नामक दयालु नागरिकों द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की धारा 429 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम की धारा 11 के तहत आरोपी संजय गुप्ता के खिलाफ कोतवाली पटियाला पुलिस स्टेशन में एक पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज़ करायी गई है। इस मामले में आरोपी द्वारा कथित तौर पर एक बड़े से चाकू का प्रयोग कर कुत्ते का गला चीर दिया गया था। वर्तमान में, PETA इंडिया इस मृत पशु की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।

PETA इंडिया पशुओं पर क्रूरता करने वाले अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया लंबे समय से देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव

पशु शोषणकारियों के खिलाफ मजबूत दंड प्रावधानों की मांग करें