कोलकाता के एक व्यक्ति पर तेरहवीं मंजिल से चार महीने के बिल्ली के बच्चे को फेंककर मारने के रूप में मामला दर्ज़
यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि किसी व्यक्ति ने एक चार महीने के बिल्ली के बच्चे को अपनी इमारत की 13वीं मंजिल से फेंककर मार डाला, PETA इंडिया ने इस व्यक्ति की पत्नी फबीहा हाशमी के साथ मिलकर टांगरा पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। सुश्री हाशमी की शिकायत के आधार पर, इस आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 323, 341 और 429 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 के अंतर्गत FIR दर्ज़ की गयी है। इस चौंकाने वाली घटना की सूचना एक चिंतित पारिवारिक मित्र द्वारा PETA इंडिया को प्रदान की गयी है। PETA इंडिया को सूचना प्राप्त हुई थी कि अपनी पत्नी के साथ झगड़े के दौरान गुस्से में आकर, आरोपी ने अपनी बेटी के पास सो रहे बिल्ली के बच्चे को उठाया और खिड़की से बाहर फेंक दिया, जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई।
PETA इंडिया यह भी सिफारिश करता है कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की मनोचिकित्सकीय जांच होनी चाहिए और उन्हें परामर्श दिया जाना चाहिए, क्योंकि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक समस्या का संकेत देता है। खोज से पता चलता है कि जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर अन्य बड़े अपराध भी करते हैं जो मनुष्यों सहित अन्य पशुओं को भी अपना शिकार बनाते हैं। उदाहरण के लिए, केरल की एक कानून छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी अमीरुल इस्लाम का कुत्तों और बकरियों के साथ बलात्कार और हत्या करने का इतिहास रहा है। जर्नल ऑफ इमोशनल एब्यूज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 71% प्रताड़ित महिलाएं जिनके पास साथी पशु थे, उन्होंने पुष्टि की कि उनके पार्टनर ने पशुओं को डराया, धमकाया, घायल किया था या मार डाला था।
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।
पशुओं के खिलाफ़ दुर्व्यवहार करने वालों के लिए कड़ी सजा की मांग करें