चंडीगढ़ के DGP से पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुत्ते के साथ हुए यौन शोषण के खिलाफ़ कार्रवाई करने का आह्वान किया गया

Posted on by Shreya Manocha

PETA इंडिया ने चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री सुरेंद्र सिंह यादव, IPS, को एक पत्र लिखकर उनसे पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) के पूर्व रसोइये के खिलाफ तात्कालिक रूप से कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है जिसे एक वीडियो में सामुदायिक कुत्ते का यौन शोषण करते हुए देखा जा सकता है।

इस बेहद चौंकाने वाली फुटेज में आरोपी को कुत्ते की योनि में अपनी उंगलियां डालते हुए और कुत्ते के पिछले पैरों के बीच अपना चेहरा घुमाते एवं इस कुत्ते को शोषण करने की मंशा से जबरन रूप से नियंत्रित करते देखा जा सकता है, जिससे इस कुत्ते को स्वाभाविक रूप से बहुत दर्द एवं गहरी चोट पहुंची होगी। यह वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद PETA इंडिया ने चंडीगढ़ पुलिस से मामले के खिलाफ़ FIR दर्ज़ करने का आह्वान किया।

अपराध की गंभीरता के बावजूद, अभी तक पुलिस द्वारा कोई FIR दर्ज नहीं की गई है, जिससे संबंधित छात्रों और स्थानीय कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है। हमें यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यह यौन उत्पीड़न जुलाई में हुआ था, और 12 जुलाई को सेक्टर 12 पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई थी। मामले सामने आने के बाद, कॉलेज प्रशासन ने रसोइया को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। हालाँकि, यह अत्यंत चिंता का विषय है कि यह गंभीर अपराधी आज भी आज़ाद हैं जो कि कॉलेज परिसर के अंदर एवं इसके आस-पास के छात्रों और निवासियों के लिए एक बड़ा ख़तरा हो सकता है।

2021 में, फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें खुलासा हुआ कि पिछले एक दशक के दौरान,500,000 जानवर, (जिनमें गाय और कुत्ते भी शामिल हैं) यौन हिंसा का शिकार हुए। इससे पहले, वॉइस ऑफ स्ट्रे डॉग्स की रिपोर्ट में गणना की गई थी कि जानवरों के यौन शोषण को अक्सर कम रिपोर्ट किया जाता था, लेकिन संभवतः इनकी संख्या मानव बलात्कार के मामलों के समान ही है।

PETA इंडिया का कहना है कि कई हिंसक अपराधियों का जानवरों के प्रति क्रूरता का भी रिकॉर्ड रहा है। जर्नल ऑफ इमोशनल एब्यूज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि साथी जानवरों के साथ सुरक्षित घर में शरण लेने वाली 71% महिलाओं ने पुष्टि करी कि उनके साथी ने जानवरों को डराया, धमकाया, घायल किया या फिर मार डाला था। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है, “जो लोग पशु क्रूरता में संलग्न हैं, उनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों के दुरुपयोग सहित अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक थी। पशु क्रूरता में शामिल होने की प्रमुख प्रेरणाओं में क्रोध, मज़ा, नियंत्रण, भय, नापसंदगी, बदला, नकल और यौन आनंद शामिल हैं। भारत में, अमीरुल इस्लाम, जिसे केरल की एक कानून छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया गया था, का कुत्तों और बकरियों के साथ बलात्कार और हत्या करने का इतिहास था।

पशुओं के शारीरिक शोषण के खिलाफ़ अपनी आवाज़ उठाएँ

पशु क्रूरता का खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव