PETA इंडिया के समर्थक हैलोवीन से पहले कंकाल बनकर ‘चमड़े का अंत हो चुका है’ का संदेश देंगे
For Immediate Release:
24 October 2024
Contact:
Utkarsh Garg; [email protected]
Anushka Yadav; [email protected]
पणजी – शुक्रवार को हैलोवीन (31 अक्टूबर) से ठीक पहले, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के तीन समर्थक ग्रीम रीपर (कंकाल) की वेशभूषा पहनकर गोवा स्थित मांडोवी रिवर प्रोमेनेड के सामने प्रदर्शन करेंगे और जनता को चमड़े के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे। वे “चमड़ा मर चुका है” संदेश लिखे हुए हंसिया के साथ “चमड़े को मौत की सज़ा” देते हुए चमड़े के जूते, बैग, बेल्ट और जैकेट को एक चेन से खींचेंगे।
समय: शुक्रवार, 25 अक्टूबर, ठीक दोपहर 12 बजे
स्थान: “A Cock in the Bag” आर्ट इंस्टॉलेशन के सामने, मांडोवी रिवर प्रोमेनेड, ओल्ड GMC बिल्डिंग के सामने, पणजी, गोवा 403001
PETA इंडिया के कैंपेन कोर्डिनेटर उत्कर्ष गर्ग ने कहा, “चमड़े का उत्पादन किसी डरावनी फिल्म की तरह है जिसके लिए खून से सने बूचड़खानों में डरी-सहमी गायों को मौत के घाट उतारा जाता है। PETA इंडिया जनता को समझाना चाहता है कि अब चमड़े का समय ख़त्म हो चुका है और हम लोगों को वीगन कपड़े और अन्य चीजें खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।“
गाय, भैंस और चमड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले पशुओं को इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों में ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है कि अक्सर रास्ते में ही इनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं। इतना कष्ट सहने के बावजूद भी जिन पशुओं की जान बच जाती है, बूचड़खाने में उन जिंदा पशुओं के कसाइयों द्वारा खुलेआम टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं और उनकी खाल उतारी जाती है। चमड़े के कारखानों (टेनरियों) से निकलने वाला जहरीला पानी नदियों और नालों को प्रदूषित करता है, जिससे उसके आसपास रहने वाले सभी पशुओं एवं मनुष्यों को नुकसान पहुंचता है। चमड़ा कारखानों (टेनरियों) के श्रमिकों में कैंसर, श्वसन संक्रमण सहित कई गंभीर बीमारियों के लक्षण पाए जाते हैं।
देशभर की लगभग सभी प्रमुख जूते और कपड़ों की दुकानों पर वीगन चमड़े एवं अन्य पशु-अनुकूल सामग्री के विकल्प उपलब्ध हैं। ‘PETA-अनुमोदित वीगन’ प्रमाणन, चमड़े, रेशम, ऊन, फर और पंख जैसे जानवरों से प्राप्त सामग्री के बजाय वीगन सामग्री से बने हैंडबैग, जूते, कपड़े, सहायक उपकरण, फर्नीचर और घर की सजावट की वस्तुओं को प्रमाणित करता है। दुनिया भर में 1000 से अधिक कंपनियां भारत और अन्य जगहों पर सामाजिक रूप से जागरूक उपभोक्ताओं को खरीदारी करते समय एक नज़र में वीगन उत्पादों की पहचान करने में सक्षम बनाने के लिए “PETA-अनुमोदित वीगन” लोगो का उपयोग कर रही हैं।
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “पशु हमारे वस्त्र बनने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस संसार में सर्वोपरि मानकर अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें X, Facebook, तथा Instagram पर फॉलो करें।
#