बड़ी जीत: इंडाला इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने PETA इंडिया की सहायता से पशु परीक्षणों पर रोक लगाई
इंडाला इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने एक बेहतरीन कदम उठाते हुए, अपनी फार्माकोलॉजी एडुकेशन क्लासों में अब तक होने वाले सभी प्रकार के पशु परीक्षणों को समाप्त करते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं एवं इस प्रकार के परीक्षणों के विकल्प स्वरूप Ex Pharm नामक एक वर्चुअल सिमुलेशन सॉफ्टवेयर उपयोग करने का निर्णय लिया है, जिसे PETA इंडिया द्वारा ब्यूरो फॉर हेल्थ एंड एजुकेशन स्टेटस अपलिफ्टमेंट, नई दिल्ली के साथ साझेदारी में निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। इंस्टीट्यूट द्वारा यह निर्णय, PETA इंडिया द्वारा गैर-पशु परीक्षणों एवं नवाचार शिक्षण विधियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के बाद लिया गया है।
इस इंटरएक्टिव सॉफ्टवेयर के माध्यम से फार्माकोलॉजी छात्र कंप्यूटर-असिस्टेड शिक्षण विधियों का उपयोग करके अनगिनत चूहों, गिनी पिग्स, खरगोशों और अन्य पशुओं की जान बचा पाएंगे जिन्हें अन्यथा कई प्रकार के हानिकारक रसायनों को सूंघने या इनका जबरन उपयोग करने के लिए बाध्य किया जाता है, जानबूझकर बीमारियों से संक्रमित किया जाता है, उनके शारीरिक अंगों को क्षति पहुंचायी जाती है और फिर उन्हें दम घोंटकर या गर्दन तोड़कर मौत के घाट उतार दिया जाता है। इससे पहले, यह संस्थान जीवाणुरोधी, सूजनरोधी, मधुमेहरोधी, विषाक्तता और जैवउपलब्धता प्रयोगों के लिए स्नातकोत्तर छात्र अनुसंधान अध्ययनों में प्रति वर्ष लगभग 40 अल्बिनो चूहों का उपयोग करता था।
PETA इंडिया उल्लेखित करता है कि वर्ष 2022 में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा स्नातकोत्तर फार्माकोलॉजी पाठ्यक्रम के दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया था, जिसमें कई गैर-पशु शिक्षण एवं प्रशिक्षण विधियों के उपयोग की सिफारिश की गई थी और पशुओं पर किए जाने वाले कुछ नियमित प्रयोगशाला परीक्षणों की अनिवार्यता को समाप्त किया गया था।
कुछ अनुसंधानों के अनुसार, आज के आधुनिक युग में हर शैक्षिक स्तर के छात्र बड़ी संख्या में पशुओं का विच्छेदन करने एवं उन पर परीक्षण करने में असहज महसूस करते हैं, और कुछ तो अपने सिद्धांतों का उल्लंघन करने के बजाय अपना पेशा ही बदल लेते हैं। इसके अलावा, कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम का बार-बार उपयोग किया जा सकता है, जिससे समय और धन की बचत होती है एवं पशु संरक्षण से इकोलॉजिकल बैलेन्स बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
इंडाला इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्रिंसिपल डॉ. वैभव V कुलकर्णी ने कहा, “हम इंडाला इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी को Ex Pharm सिमुलेशन सॉफ्टवेयर दान करने के लिए PETA इंडिया की बहुत सराहना करता है जिससे हमें अपने स्नातक और स्नातकोत्तर शैक्षिक पाठ्यक्रम में पशु परीक्षणों को समाप्त करने में सहायता मिलेगी एवं हम अपने प्रशिक्षण स्तर को भी और बढ़ा पाएंगे।“
कुछ अनुसंधानों के अनुसार, आज के आधुनिक युग में हर शैक्षिक स्तर के छात्र बड़ी संख्या में पशुओं का विच्छेदन करने एवं उन पर परीक्षण करने में असहज महसूस करते हैं, और कुछ तो अपने सिद्धांतों का उल्लंघन करने के बजाय अपना पेशा ही बदल लेते हैं। इसके अलावा, कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम का बार-बार उपयोग किया जा सकता है, जिससे समय और धन की बचत होती है एवं पशु संरक्षण से इकोलॉजिकल बैलेन्स बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
परीक्षणों हेतु पशुओं के प्रयोग पर रोक लगवाने के लिए आवाज़ उठाएं