मुंबई: PETA इंडिया ने पांच कुत्तों की भयानक हत्या के लिए जिम्मेदार संदिग्धों की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को 50,000 रुपये तक का इनाम देने की घोषणा की
एक न्यूज़ आर्टिकल से पाँच कुत्तों के मुंह और पैर बांधकर उन्हें डूबाकर मौत के घाट उतारने जैसी भयानक घटना के बारे में जानकारी प्राप्त होने के बाद, एक स्थानीय समूह द्वारा कांदिवली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करी गई। इन पाँच कुत्तों के शवों में से केवल दो शवों का ही पोस्टमॉर्टम किया जा सका। इन आरोपियों की पहचान फिलहाल अज्ञात है और पुलिस संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सक्रिय रूप से जांच कर रही है। पुलिस कि मदद करने के लिए, PETA इंडिया द्वारा संबंधित अपराधियों को पकड़ने एवं सजा दिलाने में सहायक जानकारी देने वाले को 50,000 रुपये तक का इनाम देने की घोषणा की गयी है।
संबंधित मामले में, कांदिवली वेस्ट स्थित मंगलमय टॉवर नामक हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष की शिकायत के बाद, PAL संगठन के सदस्यों के सहयोग से और MHB पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुधीर कुडालकर के नेतृत्व में कांदिवली पुलिस स्टेशन में 11 नवंबर को FIR दर्ज की गई थी। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (PCA), 1960 की धारा 11 के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी। BNS, 2023 की धारा 325 के तहत किसी भी पशु को अपंग करने या मारने को संज्ञेय श्रेणी में रखा गया जिसके खिलाफ़ पांच साल तक की जेल की सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
संबंधित अपराधी के बारे में जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति PETA इंडिया को [email protected] पर मेल करके संपर्क कर सकता है। अनुरोध करने पर सूचना देनेवाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए BNS, 2023 के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।
पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
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