बड़ी जीत: PETA इंडिया की शिकायत के बाद पंजाब एवं हरियाणा में शिकारी कुत्तों की चार अवैध दौड़ों पर रोक लगाई गयी और एक अन्य दौड़ के आयोजन के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई जारी
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02 December 2024
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24 नवंबर को पंजाब के मोगा, 25 नवंबर को हरियाणा के यमुनानगर, 27 नवंबर को पंजाब के चुंग गांव, तरनतारन और 30 नवंबर को समराला गांव, लुधियाना में शिकारी कुत्तों की चार अवैध दौड़ों के आयोजन की योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद, PETA इंडिया ने इन पर रोक लगाने हेतु तत्कालिक रूप से कार्य किया। मामले की गंभीरता को समझते हुए, PETA इंडिया ने तुरंत चारों जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आयोजकों के विवरण सहित कार्यक्रमों के विज्ञापन साझा करके सचेत किया। पुलिस के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप, निर्धारित दौड़ को रद्द कर दिया गया, जिससे इसमें शामिल शिकारी कुत्तों को गहन क्रूरता से बचाया जा सका। दुर्भाग्यवश, 26 नवंबर को बुर्ज गाँव, मालेरकोटला में आयोजित अवैध दौड़ को गहन प्रयासों के बावजूद नहीं रोका जा सका। इस मामले में, PETA इंडिया द्वारा एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है और हम आयोजकों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ कराने के लिए पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
शिकारी कुत्तों को इस प्रकार की अवैध दौड़ों के दौरान इतनी खतरनाक गति से दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है कि इससे उनके शरीर पर जबरदस्त दबाव पड़ता है, जिससे अक्सर यह पशु गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं या इनकी मौत हो जाती है। जब दौड़ों हेतु इनका उपयोग नहीं किया जाता तो इन्हें आमतौर पर केनेल में कैद रखा जाता है और अपने ही मलमूत्र में खड़े रहने के लिए बाध्य किया जाता है। इन लड़ाइयों में जो कुत्ते हारते हैं उन्हें दौड़ के बाद और ज़्यादा क्रूरता का सामना करना पड़ता है जिसमें लावारिस छोड़ दिया जाना या मौत के घाट उतार दिए जाना शामिल है। जहां पशुओं को जबरन दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है और जुए को पशु कल्याण से ऊपर रखा जाता है, वहां पशुओं को लगने वाली गंभीर चोटें, थकावट और मनोवैज्ञानिक आघात बहुत आम हैं।
PETA इंडिया के क्रुएलिटी रिस्पांस लीगल ऐडवाइसर एंड एसोसिएट डायरेक्टर मीत अशर ने कहा, “शिकारी कुत्तों को अक्सर किसी प्रकार की गंभीर चोट लगने तक या उनकी मृत्यु तक दौड़ने तक मजबूर किया जाता है। कुत्तों को दौड़ने के लिए बाध्य करना स्वाभाविक रूप से क्रूर है। हम कानून की रक्षा करने और इन कुत्तों को गहन क्रूरता से बचाने के लिए मोगा पुलिस, विशेष रूप से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय गांधी, IPS; बाघापुराना पुलिस और विशेष रूप से पुलिस उपाधीक्षक, श्री दलबीर सिंह सिद्धू; यमुनानगर पुलिस और विशेष रूप से मुख्यालय उप पुलिस अधीक्षक श्री कमलजीत सिंह; तरनतारन पुलिस और विशेष रूप से उप पुलिस अधीक्षक भिखीविंड, श्री प्रीतिंदर सिंह, और खन्ना पुलिस, विशेष रूप से श्रीमती अश्विनी गोट्याल, IPS का आभार प्रकट करते हैं। हम 26 नवंबर को ग्राम बुर्ज में आयोजित अवैध दौड़ के खिलाफ़ FIR दर्ज़ करने और विभिन्न पशु संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करने वाले ऐसे आयोजनों पर शिकंजा कसने के लिए मलेरकोटला पुलिस का अनुरोध करते हैं।“
PETA इंडिया द्वारा अपने शिकायत पत्र में उल्लेखित किया गया कि ‘प्रदर्शनकारी पशु (पंजीकरण) नियम, 2001’ और ‘प्रदर्शनकारी पशु (पंजीकरण) संशोधन नियम, 2001’ के अंतर्गत, किसी भी पशु का भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI, पूर्व में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के नाम से संचालित) के पास पंजीकरण कराए बगैर प्रशिक्षण, प्रदर्शन या करतब हेतु प्रयोग पूरी तरह से गैर-कानूनी है। इस प्रकार की पशु दौड़ों का आयोजन ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ और ‘भारतीय न्याय संहिता, 2023’ का भी स्पष्ट उल्लंघन हैं जिसके अंतर्गत पशुओं को अनावश्यक दर्द एवं पीड़ा पहुँचाने पर रोक लगाई गयी है।
PETA इंडिया जो इस धारणा में विश्वास रखता है कि “पशु हमारे मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने या किसी अन्य तरह से दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्योंकि यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमें मनुष्य इस संसार में स्वयं को सर्वोपरि मानकर अन्य समस्त प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें X, Facebook, व Instagram सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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