दिल्ली- ‘अंतर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस’ के अवसर पर PETA इंडिया समर्थक सांसदों की वेशभूषा पहनकर “पशुओं” के रूप में मजबूत पशु संरक्षण कानूनों की मांग करेंगे
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05 December 2024
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नई दिल्ली – अंतर्राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस और मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) से पहले, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया और आश्रय फाउंडेशन के दर्जनों समर्थक पशुओं के मुखौटे, मोदी जैकेट, सफेद कुर्ता एवं साड़ियाँ पहनकर और अपने हाथों में “पशुओं पर क्रूरता के खिलाफ मजबूत दंड होना चाहिए।“ का साइन लेकर, शुक्रवार को जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे। इस प्रदर्शन का प्रमुख उद्देश्य हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से पशु क्रूरता के खिलाफ़ मजबूत दंड प्रावधानों की मांग करना है। इस प्रदर्शन के लिए PETA इंडिया के समर्थक गाय, कुत्ते, बंदर, चूहे और अन्य पशु बनकर एक विशाल बैनर भी फहराएंगे, जिस पर लिखा होगा, “प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी, कृपया पशु क्रूरता के खिलाफ़ दंड प्रावधानों को बढ़ाएँ” और अपने आसपास की जनता से इससे संबंधित एक याचिका का हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया। संबंधित याचिका में, जेल की सजा की अवधि को बढ़ाने, वर्तमान मूल्य के हिसाब से जुर्माने का निर्धारण करने, अनिवार्य काउंसेलिंग और पशु शोषणकारियों पर भविष्य में पशु पालने या उनसे किसी प्रकार का संपर्क रखने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
समय: शूकवार, 6 दिसंबर, 12 ठीक दोपहर 12 बजे
स्थान: जंतर मंतर पर धरना रोड, J6G8+RMC, कनॉट प्लेस, संसद मार्ग, नई दिल्ली 110001
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम को वर्ष 1960 में पारित किया गया था। अब यह अधिनियम साठ साल से अधिक पुराना हो गया है जिस कारण इसके अंतर्गत आने वाले दंड प्रावधान और जुर्माना राशि अप्रासंगिक हो गयी हैं जैसे, पहले अपराध के लिए न्यूनतम 10 रुपये से अधिकतम 50 रुपये का जुर्माना जो कि आज के हिसाब से बहुत ही कम है जिससे अपराधियों का कानून के प्रति डर ख़त्म हो जाता है। जबकि, भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ मजबूत दंड प्रावधानों का निर्धारण किया गया है।
PETA इंडिया के कैंपेन कोर्डिनेटर अथर्व देशमुख ने कहा, “कुत्तों को जहर देने, गायों को तेजाब से जलाने और क्रूरता के अन्य चौंकाने वाले कृत्यों के दोषी अपराधियों के लिए, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत इतना मामूली जुर्माना बिल्कुल अनुचित है। PETA इंडिया और इस देश के सभी दयालु नागरिक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से पशु शोषणकारियों के खिलाफ़ उचित दंड प्रावधानों की मांग करते है।“
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “पशु इंसानों का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस संसार में सर्वोपरि मानकर, अपनी जरूरतों के अनुसार अन्य प्रजातियों का इस्तेमाल एवं शोषण करता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें X, Facebook, Facebook हिन्दी, तथा Instagram पर फॉलो करें।
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