शाहकोट: PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद कुत्तों को उकसाने के लिए बिल्लियों को भोजन के रूप में इस्तेमाल करने के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया

Posted on by Erika Goyal

सोशल मीडिया पर पशु क्रूरता के कुछ भयानक वाइरल वीडियो प्राप्त होने के बाद, PETA इंडिया ने जालंधर ग्रामीण पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर कथित अपराधी के खिलाफ़ FIR दर्ज कराई। संबंधित मामले में, मनदीप नामक अपराधी के खिलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज की गई थी। BNS, 2023 की धारा 325 के अंतर्गत किसी भी पशु को अपंग बनाना या मारना  संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए पांच साल तक की जेल की सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए BNS, 2023 के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

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पशुओं की जान बचाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण कदम