बड़ी जीत: PETA इंडिया की शिकायत के बाद पंजाब में कुत्तों की छह अवैध दौड़ों पर रोक लगाई गयी और एक अन्य दौड़ के आयोजन के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई जारी
पंजाब में ग्रेहाउंड कुत्तों की दौड़ के अवैध आयोजन के बारे में जानकारी मिलने के बाद, PETA इंडिया ने इन गैरकानूनी आयोजनों पर रोक लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई करी। यह आयोजन 29 दिसंबर 2024 को छपार चिरी खुर्द गांव, SAS नगर मोहाली; 01 जनवरी को देहलों गांव, लुधियाना; 07 जनवरी को मालेरकोटला; 08 जनवरी को गांव ढट्ट, होशियारपुर; और हाल ही में, 12 जनवरी को पैटन गांव, SAS नगर मोहाली, और हवारा गांव, फतेहगढ़ साहिब में होने वाले थे। इस योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद, PETA इंडिया ने तत्कालिक रूप से छहों जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सतर्क किया। संबंधित मामले में पुलिस के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप, इन दौड़ों के आयोजन पर रोक लगाई गई, जिससे कई ग्रेहाउंड कुत्तों को क्रूरता से बचाया जा सका। इसके बावजूद, 04 जनवरी को लुधियाना के डेहलों गांव में इन दौड़ों का आयोजन किया गया। PETA इंडिया द्वारा एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कर आग्रह किया गया है कि इन दौड़ों के आयोजकों और प्रतिभागियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
कुत्तों को इस प्रकार की अवैध दौड़ों के दौरान इतनी खतरनाक गति से दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है कि इससे उनके शरीर पर जबरदस्त दबाव पड़ता है, जिससे अक्सर यह पशु गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं या इनकी मौत हो जाती है। जब दौड़ों हेतु इनका उपयोग नहीं किया जाता तो इन्हें आमतौर पर केनेल में कैद रखा जाता है और अपने ही मलमूत्र में खड़े रहने के लिए बाध्य किया जाता है। इन लड़ाइयों में जो कुत्ते हारते हैं उन्हें दौड़ के बाद और ज़्यादा क्रूरता का सामना करना पड़ता है जिसमें लावारिस छोड़ दिया जाना या मौत के घाट उतार दिए जाना शामिल है। जहां पशुओं को जबरन दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है और जुए को पशु कल्याण से ऊपर रखा जाता है, वहां पशुओं को लगने वाली गंभीर चोटें, थकावट और मनोवैज्ञानिक आघात बहुत आम हैं।
हाल ही में, PETA इंडिया ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ काम करते हुए कई जगहों पर अवैध ग्रेहाउंड दौड़ों पर रोक लगाई है जिसमें मनसा, पंजाब (23 दिसंबर 2024); लासोई गांव, मलेरकोटला, पंजाब (10 दिसंबर 2024); विजयपुरा, कर्नाटक (12 दिसंबर 2024); SAS नगर मोहाली, पंजाब (8 दिसंबर 2024); श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब (06 दिसंबर 2024); समराला गांव, लुधियाना, पंजाब (30 नवंबर 2024); चुंग गांव, तरनतारन, पंजाब (27 नवंबर 2024); रतौली गांव, यमुनानगर, हरियाणा (25 नवंबर 2024); और मोगा, पंजाब (24 नवंबर 2024) को होने वाले आयोजन शामिल हैं।
PETA इंडिया द्वारा अपने शिकायत पत्र में उल्लेखित किया गया कि भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने दिसंबर 2020 मे पंजाब के मुख्य सचिव को भेजे गए एक पत्र में स्पष्ट किया था कि पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 के तहत सभी प्रकार की पशु दौड़ अवैध हैं जिसमें विशेषकर कुत्तों की दौड़ शामिल है। पत्र में चेतावनी दी गई कि इस तरह की दौड़ आयोजित करना अदालत की अवमानना है और कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ऐसी गतिविधियों के लिए किसी भी अनुमति या निर्देश को वापस लेने का आग्रह भी किया गया। इस प्रकार की पशु दौड़ों का आयोजन ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ और ‘भारतीय न्याय संहिता, 2023’ का भी स्पष्ट उल्लंघन हैं जिसके अंतर्गत पशुओं को अनावश्यक दर्द एवं पीड़ा पहुँचाने पर रोक लगाई गयी है।
पत्र में ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ का भी उल्लेख किया गया जिसके अंतर्गत पशुओं को अन्य पशुओं से लड़ने के लिए उकसाने को एक अपराध घोषित किया गया है। 7 मई 2014 के भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड बनाम ए नागराजा और अन्य (सिविल अपील संख्या 5387/2014) के ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पशु दौड़ जैसी गतिविधियां पशुओं की अवैध लड़ाई के दायरे में आती हैं क्योंकि यह पशुओं को एक-दूसरे से लड़ने के लिए उकसाने और उन्हें जानकर हानिकारक स्थितियों में डालने के समान है।
02 जनवरी 2025 को, AWBI ने विभिन्न अवैध ग्रेहाउंड दौड़ों के आयोजन के संबंध में PETA इंडिया की शिकायत के जवाब में पंजाब जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्य सचिव और संगरूर जिले के उपायुक्त को एक पत्र भेजा। इस पत्र में दोहराया गया कि ग्रेहाउंड दौड़ अवैध है और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसमें कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी आह्वान किया गया।
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