सफाई कर्मचारियों की मौत के बाद PETA इंडिया का कोलकाता में प्रदर्शन, चमड़ा उद्योग के खिलाफ बायोहैज़र्ड सूट में विरोध

Posted on by Surjeet Singh

कोलकाता के लेदर कॉम्प्लेक्स में चमड़ा उद्योग से निकलने वाले जहरीले कचरे की चपेट में आकर तीन सफाई कर्मचारियों की दुखद मौत के बाद, PETA इंडिया के तीन समर्थक गुरुवार को बायोहैज़र्ड सूट पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शनकारी अपने हाथों में “जहरीला प्रदूषण रोकें , चमड़ा-मुक्त जीवन अपनाएं!” के नारे लिखे बोर्ड पकड़कर चमड़ा उद्योग से होने वाले खतरों की ओर  जनता का ध्यान आकर्षित किया और उनसे वीगन फैशन अपनाने की अपील की।

इस प्रदर्शन  का उद्देश्य लोगों कों चमड़ा उद्योग के बारे में सचेत करना था जो न केवल मनुष्यों, बल्कि पशुओं और पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता है। DT Next  के एक संपादकीय के अनुसार, मौत का शिकार हुए तीनों कर्मचारी एक बंद मेनहोल को साफ कर रहे थे, तभी एक कर्मचारी फिसलकर गंदे पानी में गिर गया। उसकी जान बचाने के लिए बाकी दोनों साथी भी विषैले पानी में कूद गए और फिर ज़हरीली गैसों के संपर्क में आने से दर्दनाक मौत का शिकार बन गए।

लगभग 500 से अधिक चमड़े के कारखानों वाले कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स की यह कोई पहली त्रासदी नहीं है। इस से पहले 2015 में भी, चमड़े के कारखाने से निकलने वाले जहरीले धुएं में सांस लेने के कारण तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने चमड़ा कारखानों से निकालने वाली धूल को इंसानों के लिए कैंसरजनक (कैंसर पैदा करने वाला) माना है। असल में, चमड़े के कारखाने में काम करने वाले कर्मचारियों को सांस और त्वचा से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं, और इसके कारण फेफड़े, पेट, त्वचा, गुर्दे, मूत्राशय, अंडकोष आदि अंगों में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।

भारत में गाय, भैंस और चमड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले अन्य पशुओं को बूचड़खानों तक ले जाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों में ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है कि रास्ते में ही उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं। इतना कष्ट सहने के बावजूद जिन पशुओं की जान बच जाती है,कसाई उनकी खाल उतारने के लिए अन्य जानवरों के सामने उनका गला रेत देते हैं, ये प्रक्रिया अक्सर तब शुरू होती है जब ये जानवर जीवित ही होते हैं।

आजकल भारत में वीगन चमड़ा तैयार किया जा रहा है, जो गन्ने की खोई और आम के गूदे जैसे पेड़-पौधों से प्राप्त उत्पादों से बनता है। बाज़ार में,वीगन हैंडबैग, जूते, कपड़े, एक्सेसरीज़, फर्नीचर और होम डेकोर आइटम्स की मांग लगातार बढ़ रही है, इन उत्पादों पर  “PETA-Approved Vegan” लोगो होने से यह प्रमाणित होता है कि यह उत्पाद पशुओं से प्राप्त सामग्रियों जैसे चमड़ा, रेशम, ऊन, फर और पंखों के बजाय गैर पशु प्रयुक्त सामग्री से बने वीगन उत्पाद हैं।  दुनिया भर में 1000 से अधिक कंपनियाँ “PETA-Approved Vegan” लोगो का उपयोग कर रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को वीगन उत्पादों की पहचान करने में सहूलत रहती है।

चमड़े का त्याग करें और वीगन जीवनशैली अपनाएं