PETA इंडिया समर्थक ने मछली के रूप में हैदराबाद निवासियों से वीगन जीवनशैली जीने का आग्रह किया
PETA इंडिया की एक समर्थक ने मछली की पोशाक पहनकर अन्य “मछलियों” के साथ एक प्लेटफॉर्म पर बैठकर हाथ में एक बैनर लेकर प्रदर्शन किया जिस पर लिखा था “मछलीयों के भाग्य के बारे में सोचें, कृपया वीगन बनें”। इस प्रदर्शन का उद्देश्य जनता को मछली उद्योग में मछलियों के साथ होने वाली भयानक बर्बरता के बारे में जागरूक करना था और उन्हें यह समझाना था कि मछलियाँ जीवित, संवेदनशील और भावनाओं से भरी प्राणी हैं जो हमारी तरह ही दर्द महसूस करती हैं और मरना नहीं चाहती हैं। PETA इंडिया हैदराबाद निवासियों से अपने भोजन की थाली से मछलियों को हटाने और वीगन जीवनशैली जीने का आग्रह करता है।
वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि मछलियाँ स्तनधारियों की तरह ही तीव्र दर्द महसूस कर सकती हैं, उनके पास लंबे समय तक याद रखने वाली याददाश्त होती है, वे खुद को शीशे में देखकर पहचान सकती हैं, और ऐसी सूक्ष्म आवाजें जो इंसान बिना किसी विशेष उपकरणों के नहीं सुन सकता, वह आसानी से सुन सकती हैं। अन्य सभी पशुओं की तुलना में हर साल भोजन के लिए मछलियाँ बहुत अधिक संख्या में मारी जाती हैं। खाने का लालच देकर और खाने में कांटा फंसाकर उनका मुंह चीर दिया जाता है और फिर उसी कांटे और डोर के सहारे लटका कर पानी से बाहर खींच लिया जाता है, और फिर माँस के लिए उन्हें कुचल कर, काटकर या उबलते पानी में डाल कर मौत के घाट उतार दिया जाता है और इस क्रूरता के दौरान अधिकांश मछलियाँ सचेत अवस्था में होती हैं और इस पीड़ा को महसूस करती हैं।
मछली पकड़ने का उद्योग बड़ी संख्या में हर साल गैर-लक्षित समुद्री जीवों को भी अपनी क्रूरता का शिकार बनाता है और औसतन हर साल 720,000 समुद्री पक्षी, 300,000 व्हेल और डॉल्फ़िन, 345,000 सील और समुद्री शेर और 100 मिलियन शार्क और रे मछलियों की मौत का कारण बनता है।
वीगन जीवनशैली अपनाने वाला कर व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 200 पशुओं की जान बचाता है। वह न सिर्फ कार्बन पदचिह्न को कम करता है बल्कि उन लोगों को हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर से पीड़ित होने का खतरा भी कम रहता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जलवायु आपदा के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर लोगों को वीगन जीवनशैली की ओर अग्रसर होने की जरूरत है। जो भी लोग वीगन जीवनशैली अपनाना चाहते हैं, PETA इंडिया उनकी इस कार्य में मदद करता है और उन्हें मुफ्त वीगन स्टार्टर किट प्रदान करता है।
Everyone who goes vegan saves the lives of nearly 200 animals a year, dramatically shrinks their carbon footprint, and reduces their risk of suffering from heart disease, diabetes, and cancer. According to the United Nations, a global shift towards eating vegan is necessary to combat the worst effects of the climate catastrophe. PETA India offers a free vegan starter kit for those ready to switch.