बदायूं: PETA इंडिया और PFA बदायूं की कार्रवाही के बाद एक मादा कुत्ते और उसके बच्चे की हत्या के आरोप में FIR दर्ज

Posted on by Erika Goyal

एक सामुदायिक मादा कुत्ते और उसके बच्चे की निर्मम हत्या के बाद, PETA इंडिया और PFA बदायूं ने उजानी पुलिस के सहयोग से आरोपी के खिलाफ़ तुरंत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई।

यह FIR एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(l) के तहत दर्ज की गई है, जिसे PFA बदायूं के श्री विकेन्द्र शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया। FIR में दर्ज यह प्रावधान किसी भी पशु को नुकसान पहुंचाने या मारने को संज्ञान लेने योग्य अपराध बनाते हैं। भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 के तहत आरोपी को पांच वर्ष तक की सजा, जुर्माने, या दोनों का प्रावधान है।

यह घिनौना घटना 18 फरवरी को मोहल्ला बाजार कलां, बिहारी जी मंदिर के पास, उजानी, बदायूं – 243 639 में हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी नियमित रूप से अपने साथी कुत्ते को सैर पर लाते थे और रास्ते में समुदाय के कुत्तों को पीटते थे। घटना के दिन, आरोपी ने कथित तौर पर एक मादा कुत्ते को लकड़ी से मारा, जबकि वह अपने बच्चे को दूध पिला रही थी, जिससे दोनों – माँ और बच्चे – की मौत हो गई।

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण कदम