PETA इंडिया का इतिहास : दयालू गतिविधियां
PETA इंडिया भारत में वर्ष 2000 से इस सरल सिद्धांत के तहत काम कर रहा है कि जानवर किसी भी प्रकार से हमारा भोजन बनने, वस्त्र बनने, मनोरंजन का साधन बनने, उन पर प्रयोग किये जाने, प्रताड़ित होने या किसी भी अन्य प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं। खोज एवं अनुसंधान, सार्वजनिक शिक्षा, पशु बचाव कार्य, आकर्षक प्रदर्शन, सेलेब्रिटी की भागेदारी, युवा प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित कार्यक्रम तथा युवाओं के नेटवर्क के द्वारा PETA इंडिया अनेकों पशुओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने तथा अनगिनत पशुओं का जीवन बचाने के लिए काम कर रहा है।
जमीनीस्तर पर जांच :
PETA इंडिया द्वारा भारत के चमड़ा उद्योग पर की गयी जांच में अनेकों कत्लखानों में क्रूर परिवहन तथा अमानवीय व्यवहार का खुलासा हुआ जबकि डेयरी उद्योग में की गयी गुप्त जांच में गायों एवं भैंसो के साथ होने वाले वीभत्स अत्याचारों के बारे में पता चला है। मुर्गी पालन केन्द्रों पर हमारी पाँच वर्षीय जांच ने इस उद्योग की क्रूरता को उजागर किया जिसमे चूजों को बेदर्दी से जला कर, डुबो कर, ग्राईंडर में दाल कर मार देना जैसी वहशियत सामने आयी। 30 से अधिक चिड़ियाघरों में जांच करने के बाद PETA इंडिया ने देश भर के चिड़ियाघरों की घटिया एवं अमानवीय स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट में एक केस पंजीकृत किया। PETA इंडिया ने मछ्ली पालन उद्योग पर जांच कर वहां खुलेआम हो रहे कानून के उलंघन, पर्यावर्णीय तबाही, मानव स्वास्थ्य को जोखिम तथा जानवरों को होने वाली पीड़ा को विस्तृत रिपोर्ट एवं विडियो के माध्यम से उजागर किया।
मुख्य उपलब्धियां:
चिड़ियाघरों में जानवरों को रखने के खिलाफ PETA इंडिया के अभियान के बाद, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने चिड़ियाघरों एवं सर्कसों में हाथियों कि कैद पर प्रतिबंध लगा दिया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में क्रूर परिस्थितियों को उजागर करने के बाद PETA इंडिया ने एनआईवी की प्रयोगशालाओं से 39 जानवरों का बचाव करने में सहायता की। हमें बहुत से विश्वविद्यालयों से यह आश्वासन मिला है कि वो जीव विज्ञान पाठ्यक्रमों में से पशुओं पर परीक्षण करना बंद कर देंगे, हमने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय चिकित्सा परिषद) पर सफलता पूर्वक दबाव बनाया है कि वो भारत में चिकित्सा विद्यालयों में पशु प्रयोगशाला बनाए जाने की जरूरत को निरस्त करे तथा चिकित्सीय पाठ्यक्रमों के दौरान जीवों पर परीक्षण करना बंद करें। PETA इंडिया ने अनेकों जानवरों को बचाया भी है जिनमें सर्कस में शेर, एक प्रयोगशाला में बकरियाँ, पालतू पशुओं के व्यापार से पक्षियों तथा कत्लखाने में ले जायी जा रही भैंसे शामिल हैं।
सेलेब्रिटीज का सहयोग :
PETA इंडिया के साथ मिलकर पशुओं हेतु कार्य करने वाली मशहूर हस्तियों में जॉन अब्राहम, शाहिद कपूर, राहुल खन्ना, शिल्पा शेट्टी कुन्द्रा, सलीना जेटली, दिलीप कुमार, सायरा बानो, याना गुप्ता, गुलशन ग्रोवर, महिमा चौधरी, हेमा मालिनी, अतुल कसबेकर, जिया खान, रवीना टंडन थडानी, राहुल देव, हेमंत त्रिवेदी, जैकी श्राफ, अनिल कुंबले, आर माधवन, अमीषा पटेल, ईशा नारंग, मलाईका अरोरा खान, शत्रुघन सिन्हा, विश्व बिलियर्ड चैंपियन पंकज आडवाणी, ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार, विद्युत जमवाल, अनुष्का शर्मा, भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली तथा कार्तिक आर्यन शामिल हैं।
योगदान :
PETA इंडिया, भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत चैरिटेबल संस्था है। PETA इंडिया को डोनेशन देने के बदले आय कर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट मिलती है।