पशुओं की बिक्री करने वाली दुकानों में बिकने वाले जानवरों की मदद करने के 9 तरीके :
क्या आप कभी किसी पशु बिक्री की दुकान में गए हैं या अपने कभी गौर किया है कि वहाँ जीवित पशुओं की बिक्री की जाती है व उनको बेहद गंदे स्थानों में रखा जाता है। नजरंदाज न करें बल्कि इन क्रूर दुकानों में बिकने के लिए क्रूरता सह रहे पशुओं की नीचे दिये गए 9 तरीकों से मदद करें।
1. आवाज उठाएं : बदलाव कभी खुद से नहीं आता, यदि किसी दुकान में आप देखें की वहाँ गंदगी है, पशु बुरी हालत में है या वहाँ काफी भीड़ है तो सीधा स्टोर मालिक से संपर्क करें। आराम से बात करके भी आप उस व्यक्ति को यह संदेश दे सकते है कि पशुओं के साथ हो रही क्रूरता को लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
2. जो देखें वो रिकॉर्ड कर लें : यदि आपको पशुओं के खिलाफ कुछ गलत व्यवहार एवं अनुचित देखभाल होती नजर आए तो उसको फोटो एवं विडियो के द्वारा रिकॉर्ड कर लें (दिनांक एवं स्थान के साथ). वहाँ पर स्वच्छता, कौन कौन सी जंगली व विदेशी प्रजातियाँ, तंग परिस्थितियाँ तथा पशुओं की शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा पर भी ध्यान दें।
3. पशुओं हेतु मदद सुनिश्चित करें : कोई भी ऐसा मुद्दा जो स्टोर मालिक के द्वारा ठीक किया जा सकता है तो उसके लिए आप स्टोर मालिक से बात करें व जब तक उस पर वो कार्यवाही न करे तब तक उसका फॉलोउप करते रहें। उदाहरण के लिए आप चाहते हैं की कुत्ते के बच्चों को छाया में मुलायम गद्दे पे रखा जाए व उनके लिए पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध हो। जिन पशुओं को चिकित्सीय देखभाल की जरूरत हो उसकी व्यवस्था हेतु स्टोर मालिक से बात करें व बाद में निरंतर जाँचते रहे की दुकान मालिक ने उसकी व्यवस्था कर दी है या नहीं। यदि स्टोर मालिक उसकी व्यवस्था नहीं करता तो पशु कल्याण बोर्ड द्वारा अधिकृत पशु कल्याण अधिकार अथवा स्थानीय पशु कल्याण समूह के साथ बात करें। आप किसी प्राईवेट पशु चिकित्सक को मुफ्त अथवा कम कीमत पर आकर पशुओं का इलाज करने हेतु राज़ी कर सकते हैं। निजी पशुचिकित्सकों को जस्टडायल के माध्यम से पाया जा सकता है।
4. कानून की जानकारी रखें : पशुओं के संबंध में बनाए गए कानूनों का ध्यान रखें . पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (पालतू जानवर की दुकान) नियम, 2018 के नियम 3 के अनुसार साथी पशुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को राज्य पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है। यदि आपको पालतू पशुओं के बिक्री वाली दुकान में यह लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र नहीं दिखता है (पेट शॉप नियम, 2018 के नियम 3(2) के अनुसार, प्रत्येक पालतू पशु बिक्री दुकान को यह लाईसेंस प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करना आवश्यक है) तो यह मान लेना चाहिए कि यह दुकान बोर्ड के साथ अपंजीकृत है और इसलिए अवैध रूप से और नियमों का उल्लंघन करते हुए चलाई जा रही है। आप अवैध रूप से चल रही दुकानों या दुकानों द्वारा किए जा रहे उल्लंघन की रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के जिला कलेक्टर या अपने राज्य के पशुपालन निदेशक को कर सकते हैं – संपर्क जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ऑनलाईन जाकर इंटरनेट पर अपने राज्य का नाम और “पशुपालन निदेशक” की सर्च करें। “प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट, 1960” एवं “वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972” के बारें में अवश्य जाने ताकि कानून का उलंघन होते देख आप तुरंत इसकी सूचना उपयुक्त अधिकारियों को दे सकें। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा पीसीए अधिनियम 1960 को समझने के लिए जारी की गयी यह मार्गदर्शिका भी एक उत्कृष्ठ संसाधन है।की रिपोर्ट कर सकें। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की ओर से पीसीए अधिनियम, 1960 को समझने के लिए यह मार्गदर्शिका भी एक उत्कृष्ट संसाधन है
5. जंगली एवं विदेशी नस्ल के जानवरों की बिक्री की रिपोर्ट करें- यदि पशु बिक्री स्टोर में प्रतिबंधित जंगली एवं विदेशी नस्ल के पशुओं की बिक्री की जा रही है हो तो इसकी रिकॉर्डिंग करें व वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो को 1800119334 पर कॉल करके अथवा संबन्धित राज्य के वन अधिकारी को इसकी सूचना दें। यदि आपने पास वन विभाग का संपर्क नंबर न हो तो इंटरनेट पर इसे आसानी से खोजा जा सकता है।
6. पुलिस स्टेशन में घटना की प्राथमिक रिपोर्ट (FIR) दर्ज करायें: पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करें। यदि आप कोई अपराध देखते हैं, तो भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 325 के तहत पुलिस में एफआईआर दर्ज करें, जिसमें कहा गया है कि किसी भी पशु को शरारती तरीके से मारना या अपंग करना दंडनीय अपराध है। आपराधिक न्याय की प्रक्रिया को गति देने के लिए एफआईआर की आवश्यकता होती है: अधिकारी केवल एफआईआर दर्ज होने के बाद ही मामले की जांच करेंगे। इसे कैसे करें यह जानने के लिए यहां क्लिक करें। पुलिस को आपकी एफआईआर लेनी होती है, लेकिन अगर किसी कारण से वे इनकार करते हैं, तो मामले को पुलिस अधीक्षक या अन्य उच्च-स्तरीय अधिकारियों के सामने उठाएं। आप अदालत में निजी शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं।
7. “न” सुनने को उत्तर न मानें – पशुओं को नुकसान पहुंचाना गलत है, यही कारण है कि दुनिया को क्रूर पालतू पशुओं की दुकानों के खिलाफ खड़े होने के लिए आप जैसे लोगों की जरूरत है। अपनी शिकायत के बारे में अधिकारियों से संपर्क करें, और यह सुनिश्चित करने के लिए पालतू पशुओं की दुकान से दोबारा जाँच करें कि उसने सुधार किया है या नहीं।
8. मदद करने वालों का धन्यवाद अदा करें : उन लोगों के प्रयासों की भी सराहना करें जिन्हानें आपको जानवरों के प्रति न्याय प्राप्त करने में मदद की ताकि वे अपने योगदान को महत्वपूर्ण समझें तथा भविष्य में भी पशुओं की मदद के लिये तैयार रहें। पशुओं के प्रति आपका व लोगों का समर्पण अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है।
9. लोगों को प्रेरित करें की वो पशुओं को गोद लें, खरीदे नहीं : प्रजनकों और पालतू पशुओं की दुकानों ने पशु-जनसंख्या संकट को और खराब कर दिया है: पशुओं का बार-बार प्रजनन और बिक्री, आश्रयों या सड़कों पर रहने वाले पशुओं को एक स्थायी घर मिलने में बाधा है। अपने मित्रों, सहकर्मियों और परिवार के सदस्यों को आश्रयस्थलों से साथी पशुओं को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
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