“अनुपमा” अभिनेत्री रूपाली गांगुली, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री से घोड़ा गाड़ियों को ई-गाड़ियों से बदले जाने के आह्वान में PETA इंडिया के साथ शामिल हुईं

Posted on by Erika Goyal

कोलकाता में पर्यटकों से भरी, भारी गाड़ियों को खींचने के लिए मजबूर किए जाने वाले घोड़ों की बढ़ती मौत और भयावह पीड़ा से स्तब्ध, पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की समर्थक और ‘अनुपमा’ अभिनेता रूपाली गांगुली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी को एक पत्र भेजकर मुंबई के उदाहरण का अनुसरण करते हुए कोलकाता में सुंदर, पुरानी शैली की मोटर चालित ई-गाड़ियों का उपयोग शुरू करने की अपील की है।

गांगुली ने कहा है कि हाल के महीनों में, कोलकाता की सड़कों पर कम से कम आठ घोड़ों की मौत हुई है जिन्हें घोड़ा गाड़ी उद्योग में मजबूरन काम करने से मौत का सामना करना पड़ा। PETA इंडिया और CAPE फाउंडेशन की जांच से पता चला है कि कोलकाता में गाड़ियां खींचने के लिए मजबूर दर्जनों घोड़े एनीमिया, कुपोषण व हड्डी के फ्रैक्चर सहित गंभीर चोटों से पीड़ित हैं, लंबे समय से भूखे पाए गए हैं; वह और शहर में गंदे, जर्जर और अवैध कब्जे वाले परिसरों में अपने ही मल मूत्र के बीच रहने को मजबूर हैं।

“गाड़ी की सवारी के लिए घोड़ों का उपयोग जनता के लिए जोखिम पैदा करता है और यातायात के लिए भी खतरा है। घोड़े और इंसान दोनों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जिन घोड़ों को दर्दनाक, गंभीर चोटें आती हैं, उनका अक्सर त्याग कर दिया जाता है।”

– रूपाली गांगुली”

पिछले साल, कोलकाता के घोड़ों की स्थिति की समीक्षा करने वाले 150 से अधिक पशु चिकित्सकों ने श्रीमती ममता बनर्जी को एक अपील भेजी थी, जिसमें अनुरोध किया गया था कि वह घोड़ा-गाड़ी पर रोक लगाएं। PETA इंडिया की शिकायतों के बाद, भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने कोलकाता पुलिस और पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा निदेशालय को घोड़ों के प्रति क्रूरता की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि पशुओं को इस व्यापार से हटाकर आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाए व आवश्यकतानुसार उनका पुनर्वास किया जाए क्योंकि पशुओं पर क्रूरता करना ‘पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960’ की धारा 3 का उल्लंघन है, तथा पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960  की धारा 11(1) एवं भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 289 के तहत दंडनीय अपराध है।

मई माह में, माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को घोड़े के मालिकों के पुनर्वास और विक्टोरिया गाड़ियों में पर्यटकों को ले जाने के लिए वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया था, ताकि “मुंबई की तरह घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों को खत्म किया जा सके। इसकी व्यवहार्यता के लिए विचार और जांच की जा सकती है।“ मुंबई में, घोड़ों की जगह अब खूबसूरत विरासत-शैली वाली ई-गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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