ट्रेन-हाथी की ख़तरनाक टक्कर को समाप्त करने के लिए ‘रिचा चड्ढा’ व PETA इंडिया की संयुक्त पहल
“वर्ल्ड एलीफेंट डे” से पूर्व, पुरुस्कार विजेता अभिनेत्री ‘रिचा चड्ढा’ ने हाथियों को ट्रेन के ट्रेक पर मरने से बचाने के लिए ट्रेन की स्पीड कम करने, सिग्नल देने व अन्य उपाय अपनाने का आग्रह किया ।
“वर्ल्ड एलीफेंट डे (विश्व हाथी दिवस-12 अगस्त)” से ठीक पहले एक हालिया घटना से प्रेरित, जिसमें ओड़ीशा में एक तेज ट्रेन द्वारा हाथियों के एक झुंड को टक्कर मारी गयी थी, पुरुस्कार विजेता फिल्म अभिनेत्री ‘रिचा चड्ढा’ ने ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया’ की ओर से रेल मंत्रालय को पत्र भेजकर ट्रेन की पटरियों पर बड़ी संख्या में मरने वाले हाथियों के बचाव हेतु पर्याप्त सुरक्षा उपायों को क्रियान्वित करने का आग्रह किया है।
चड्ढा अपने पत्र में लिखती हैं कि एशियाई हाथियों की प्रजाति लुप्त हो रही है व अब विश्वभर में ये मात्र 50,000 के आसपास ही बचे हैं। वर्ष 2016 व 2017 के बीच भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं में लगभग एक दर्जन हाथियों की मौत हुई है व समय के साथ साथ इस प्रकार की दुर्घटनाओं की संख्या बढती जा रही है। सन 1987 से 2010 तक, 23 वर्षों में रेलवे क्रॉसिंग के दौरान 150 हाथियों की मौत हो गयी थी जबकि 2009 से 2017 के बीच महज 8 वर्षों में रेलवे क्रॉसिंग में मारे जाने वाले हथियों की संख्या 120 है।
इस से पहले रिचा चड्ढा ने PETA इंडिया के साथ वर्ष 2014 में अपने प्रशंसकों को शाकाहारी भोजन के प्रति प्रेरित करने के लिए “ड्रेस मेड ऑफ लेटूस” (सलाद से बनी ड्रेस) नामक अभियान में नजर आयी थी व वर्ष 2015 में मुंबई में घुड़सवारी में इस्तेमाल हो रहे घोड़ों के संबंध में उन्होने यातायात पुलिस को एक पत्र लिखा था ।
हाथियों की मदद करना चाहते है, तो मदद करने का एक उपाय यहाँ है
हाथी के प्रदर्शन को समाप्त करने में मदद करें