PETA इंडिया की शिकायत पर, गर्भवती बकरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के खिलाफ प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज
हरियाणा के नुह जिले के मेवात शहर में 8 लोगों द्वारा कथित रूप से गर्भवती बकरी के साथ बलात्कार किए जाने व उसकी मृत्यु हो जाने की खबर के बाद, PETA इंडिया व अन्य लोगों द्वारा स्थानीय पुलिस में शिकायत किए जाने से 8 आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज हुई है। PETA इंडिया ने नूह ज़िले के पुलिस अधीक्षक और नगीना पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी के पास, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 377 तथा 429 व “प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट 1960” की धारा 11(1)(a) तथा 11(1)(l) के तहत प्राथमिकी रिपोर्ट पंजीकृत कराई है। 8 आरोपियों में से 3 की पहचान की जा चुकी है हालांकि सभी के सभी फरार हैं। पुलिस ने उम्मीद जाहिर की है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बकरी का पोस्ट मार्टम स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सालय में कराया गया था व एकत्र किए गए नमूनों को आगामी जांच के लिए मधुबन स्थित राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया था।
हाल ही में जानवरों के प्रति क्रूरता की बढ़ती घटनाएँ कठोर दंड व्यवस्था की आवश्यकता का संकेत देती हैं जैसे-
एक आवासीय कालोनी के सुरक्षा गार्ड को पकड़ा गया था जो एक निवासी की पालतू कुतिया को शौचालय में लेजाकर नियमित रूप से उसके साथ बलात्कार करता था, बैंगलूर की एक महिला ने कुत्ते के 8 बच्चों को मार दिया था, चेन्नई में मेडिकल के छात्र ने कुत्ते के छोटे बच्चे को छत से नीचे फेंक दिया था तथा वेल्लोर के मेडिकल छात्र ने एक बंदर को तड़फा तड़फा कर मार डाला था। मानसिक स्वास्थ्य तथा कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों के अनुसार जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता को अंजाम देते है वह अक्सर इन्सानों को भी चोट पहुंचाते हैं। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में, 60 प्रतिशत महिलाओं ने कहा की उनके पार्टनर ने अपने कुत्तों या अन्य जानवरों को नुकसान पहुंचाया या उन्हे मार दिया।
PETA इंडिया लम्बे समय से भारत के “प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट 1960” को मजबूत बनाने की सिफ़ारिश कर रहा है जिसमें अभी भी पुराने दंड शामिल हैं जैसे पहली बार अपराध साबित होने पर अधिकतम 50 रुपये का जुर्माना निर्धारित है।
आप मदद कर सकते हैं। कृपया प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को सूचित करें कि भारत के इन प्राणियों को क्रूरता से सुरक्षा प्रदान किए जाने कि सख्त आवश्यकता है।
कार्यवाही करें