PETA इंडिया की शिकायत पर जयपुर पुलिस ने कुत्ते के साथ बलात्कार के जुर्म में आरोपी को गिरफ्तार किया
PETA इंडिया ने चेतावानी दी की अपराधी को इन्सानों के लिए भी खतरा माना जाना चाहिए ।
PETA इंडिया तथा जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता सचिन स्टालिन द्वारा स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद जयपुर पुलिस द्वारा एक व्यक्ति के द्वारा मादा कुत्ते के साथ कथित रूप से बलात्कार करने की प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गयी थी। PETA इंडिया ने जयपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त और भंकरोता पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी के साथ मिलकर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 377 जिसमे किसी इंसान के द्वारा किसी जानवर का बलात्कार करने के लिए 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है, के तहत प्राथमिकी रिपोर्ट पंजीकृत कराई थी। आरोपी को स्थानीय नागरिकों द्वारा पकड़ कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस दोषी को निरंतर अपराध करने की प्रवत्ति वाला अपराधी माना जा रहा है जिसने पहले भी भेड़ व बकरियों के साथ दुष्कर्म किया होगा। PETA इंडिया ने चेतावनी दी थी कि यदि इस अपराधी को रिहा किया जाता है तो यह उसी तरीके से इंसान पर भी हमला कर सकता है जैसा की उसने अपने हालिया अपराध में मादा कुत्ते के साथ किया है।
जानवरों के खिलाफ ऐसी क्रूरता भरी घटनाएं एक गंभीर मानसिक अशांति का संकेत देती है। मनोविज्ञान तथा अपराध विज्ञान के क्षेत्र में हुए शोध बताते है इस प्रकार के अपराध करने वाले लोग केवल वही तक सीमित नही रहते बल्कि बहुत से लोग इस से आगे बढ़ते हुए इन्सानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। और अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन ने पाया है की इतिहास में पहले भी जानवरों के प्रति क्रूरता, निरंतर रूप से बलात्कार व हत्या करने वाले अपराधियों की आपराधिक मानसिकता का एक लक्षण रहा है।
अमेरिका में 21 वर्ष तक चले एक अध्ययन में पाया गया की जानवरों के प्रति अपराध के दोषियों में दो तिहाई लोगों द्वारा इंसान पर भी हमले किए गए थे। अध्ययन में यह भी पाया गया की यौन उत्पीड़न के दोषी पाये गए 100 प्रतिशत आरोपियों का इतिहास क्रूरता से भरा था। और महत्वपूर्ण बात यह है की एक अन्य अमेरिकी अध्ययन में जानवरों के प्रति अपराधों के दोषो का बचाव कर रहे 96 प्रतिशत आरोपियों ने माना की उन्होने इन्सानों का भी यौन उत्पीड़न किया है।
इस तरह के उदाहरणों में एक नाम अमीरुल इस्लाम का है जिसको केरल में कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा के बलात्कार व हत्या के जुर्म में सजा सुनाई गयी, इस अपराध से पहले यह शक्स एक बकरी व कुत्ते के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या भी कर चुका था। उत्तरी आयरलैंड के एक अपराधी जोसफ बेटसन को 6 वर्षीय बच्ची का यौन उत्पीड़न करने का दोषी करार दिया गया, इस अपराध से पहले जोसफ ने जानवरों के एक फार्म पर 17 जानवरों के साथ दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की थी। अमेरिका के अपराधी जेरी कुक को जानवरों के साथ क्रूरता का दोषी पाया गया जिसने एक कुत्ते से बलात्कार करने के बाद उसको बुरी तरह घायल कर दिया था तथा एक घर में चोरी करने के दौरान उस घर के मालिक पर हमला कर दिया था। कुक की आपराधिक मानसिकता लगभग दो दशक पहले शुरू हुई जब उसको एक इंसान के साथ पहले दर्जे के बलात्कार का दोषी पाया गया था।
PETA इंडिया लंबे समय से देश के मुख्य पशु संरक्षण कानून “प्रीवेनशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट 1960” को मजबूत बनाने की सिफ़ारिश कर रहा है जिसमे पुराने समय के दंड का प्रावधान है जैसे जानवरों के खिलाफ अपराध में पहली बार दोषी करार दिये जाने पर अधिकतम 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
आप मदद कर सकते हैं : जानवरों के प्रति अपराधियों हेतु कठोर दंड की मांग करके
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