120 पशु चिकित्सकों ने शोषित हथिनी ‘मालती’ को मानसिक रूप से पीड़ित घोषित किया; राजस्थान के मुख्यमंत्री से ‘मालती’ व ‘गौरी’ को बचाने का आग्रह किया गया
24 अप्रैल 2024 तक का अपडेट:
PETA इंडिया के जोरदार अभियान के बाद ‘मालती’, जिसे उसके संचालकों द्वारा मारा-पीटा गया था और आमेर के किले में पर्यटकों को सवारी कराने के लिए जबरन मज़बूर किया जा रहा था, को रेस्क्यू करके वंतारा अभयारण्य में पुनर्वासित कर दिया गया है। अधिक जानकारी के यहाँ क्लिक करें।
PETA इंडिया ने हथिनी ‘मालती’ को गंभीर मानसिक पीड़ा का शिकार होने तथा 120 पशु चिकित्सकों द्वारा मालती हथिनी के मानसिक आघात की जानकारी देने हेतु एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर हथिनी मालती द्वारा बार-बार अपने सिर को ऊपर नीचे हिलाने, सूंढ को लहराने और गोल गोल घुमाने के वीडियो फुटेज साझा किए जो की बंदी हाथियों में गंभीर मनोवैज्ञानिक संकट का संकेत हैं। पशु चिकित्सों द्वारा दी गयी राय में यह पुष्टि की गयी है कि वह मनोवैज्ञानिक रूप से पीड़ित है और उसे तत्काल किसी हाथी देखभाल केंद्र में पुनर्वास हेतु भेजे जाने की आवश्यकता है। यह जानते हुए कि मालती हिंसक हो जाती है और उसका दूसरे हाथियों से झगड़ा करने का भी इतिहास है जिसके लिए उसको सार्वजनिक रूप बड़ी बर्बरता पीटा भी गया था, बावजूद इसके मालती से आमेर के किले पर लगातार पर्यटकों की सवारी करवाई जा रही है। PETA इंडिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी को एक पत्र भेजकर ‘मालती’ एवं ‘गौरी’ के कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उनका रेसक्यू कर उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। गौरी ने हाल ही में एक दुकानदार पर हमला किया था, जिसके कारण उस व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था। PETA इंडिया भी आमेर मजिस्ट्रेट की अदालत में मालती के बचाव की मांग कर रहा है।
सरकारी निकाय ‘एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI)’ द्वारा मालती के संदर्भ में चिंता जाहिर करने, राजस्थान सरकार द्वारा मालती स्वास्थ प्रमाणपत्र में उसे अस्वस्थ करार दिये जाने और पिछले साल उसका स्वामित्व प्रमाणपत्र समाप्त हो जाने के बावजूद मालती हथिनी को अभी भी पर्यटकों की सवारी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है जो ना सिर्फ पर्यटकों को जोखिम में डालता है बल्कि मालती के लिए भी पीड़ा का सबब है। इसी तरह से 2018 AWBI की रिपोर्ट के अनुसार, ह हथिनी गौरी को अवैध रूप से राजस्थान में रखा जा रहा है।
AWBI ने यह भी संज्ञान लिया है कि मालती पैर के ज़रूरत से ज़्यादा बड़े व चटके हुए नाखूनों और चोटिल व असमतल फुटपैड है, जो कंक्रीट से बने पक्के फर्श पर बंधे रहने के कारण होता है। इससे पहले, राजस्थान के पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम विश्नोई जी के कार्यालय ने राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन को मालती को तुरंत बचाने और पुनर्वास करने का निर्देश दिया था – लेकिन अभी तक उस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।