2024 हमारी इमरजेंसी और रैपिड रिस्पांस टीम के लिए पशुओं के प्रति अडिग समर्पण और महत्वपूर्ण सफलताओं का साल रहा
जहां भी पशुओं को मदद की जरूरत होती है, PETA इंडिया वहां पहुंचता है। हमारी 24/7 इमरजेंसी और रैपिड रिस्पांस टीम हर समय पशुओं को बचाने और उनकी रक्षा करने के लिए समर्पित रहती है, चाहे वो ऊंची इमारतों पर चढ़ाई करना हो, कुएं में उतारना हो, या जीवन रक्षक इलाज़ करना हो। वर्ष 2024 में, हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने 405,000 से ज्यादा आपातकालीन कॉल्स का जवाब दिया और 3,000 से ज्यादा रिमोट रेस्कयू और पुनर्वास मैनेज किए। इसके अलावा, हमारी इमरजेंसी टीम ने दिल्ली और मुंबई में 7000 से ज्यादा पशुओं का इलाज किया। इस साल के कुछ सबसे प्रभावी और यादगार केसिस का विवरण नीचे दिया गया है, जो हमारी टीम के अडिग समर्पण को उजागर करते हैं।
उत्तर प्रदेश के गोंडा से 10 फीट लंबा अजगर बचाया गया
उत्तर प्रदेश के गोंडा के एक छोटे से गांव में 10 फीट लंबा अजगर देखा गया। हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने एक सांप बचावकर्ता के साथ मिलकर अजगर को सुरक्षित रूप से उसके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित पहुंचाने का कार्य किया।
रानीगंज गांव, राजस्थान में 50 फीट गहरे कुएं से बचाई गई भैंस।
स्थानीय गांववासियों ने घास चरते समय एक भैंस को गहरे कुएं में फंसा हुआ पाया और जब उनकी खुद की बचाव कोशिशें नाकाम हो गईं, तो उन्होंने PETA की इमरजेंसी रिस्पांस टीम से संपर्क किया। इस टीम ने, जिला मजिस्ट्रेट और फायर डिपार्टमेंट की सहायता से, एक नई बचाव योजना तैयार की। उन्होंने धीरे-धीरे कुएं में पानी भरते हुए भैंस को ऊपर की ओर सावधानीपूर्वक मार्गदर्शन किया, जिससे भैंस का सुरक्षित और बिना चोट के बचाव सुनिश्चित हुआ। यह ऑपरेशन दो घंटे में पूरा हुआ, जिससे पशु के संरक्षक को बहुत राहत मिली। भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए बाद में कुएं को ढक दिया गया।
गुवाहाटी, असम में घायल हाथी को बचाया गया
एक घायल हाथी असम के सातगांव छावनी क्षेत्र में एक तालाब में फंसा हुआ था। एक जागरूक नागरिक ने तुरंत हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम से मदद के लिए संपर्क किया। शुरूआत में कुछ मुश्किलों का सामना करने के बावजूद, टीम ने स्थानीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग करते हुए एक वन अधिकारी से संपर्क किया। इस सहयोग के परिणामस्वरूप चार दिन तक चले सफल बचाव अभियान को अंजाम दिया गया। घायल हाथी को वन पुनर्वास केंद्र में आवश्यक उपचार दिया गया और पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।
आगरा, उत्तर प्रदेश में भारतीय अलेक्जेंड्रिया पैरेकीट्स को बचाया गया
हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम को आगरा के एक मंदिर के बाहर से दो कैदी तोते के बारे में सूचना प्रदान करी गई। ये पक्षी लावारिस थे और केवल मंदिर के दर्शनार्तियों की दया पर जीवित थे। इस मामले को आगरा के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर को रिपोर्ट करने के बाद, हमने तुरंत एक टीम को पक्षियों को बचाने के लिए भेजा। पुलिस और वन्यजीव अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, जिससे टीम को जल्दी से पैरेकीट्स को सुरक्षित करने और एक सुरक्षित सुविधा में पुनर्वासित करने का मौका मिला। वन्यजीव अधिकारियों ने पक्षियों की बंदी बनाने के मामले में आगे की जांच करने की योजना बनाई है।
नंदुरबार, महाराष्ट्र में बंदर को आज़ाद कराया गया
हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम को नंदुरबार के दूरदराज आदिवासी क्षेत्र में, तेज गर्मी में पेड़ से बंधे एक बंदर के बारे में एक ईमेल प्राप्त हुआ। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि दो बंदरों को बहुत अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण अत्यधिक गर्मी में एक बंदर की मौत हो गई। स्थान की दुरी के कारण वन अधिकारी शुरू में हस्तक्षेप करने में संकोच कर रहे थे। हालांकि, आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने तुरंत नंदुरबार जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क किया और उन्हें स्थिति के बारे में बताया। जिला मजिस्ट्रेट ने सहर्ष सहायता करने की स्वीकृति दी और वन अधिकारियों से बचाव प्रयास में सहयोग करने का आग्रह किया। तीन दिन की सामूहिक कोशिशों के बाद, आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम, जिला मजिस्ट्रेट और वन अधिकारियों के सहयोग से बंदर को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। पूरी चिकित्सा जांच के बाद, बचाए गए बंदर को उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।
उत्तर नगर, दिल्ली में घायल लोमड़ी को बचाया गया
हमारी रैपिड रिस्पॉन्स टीम के पशु चिकित्सा सहायक ने उत्तर नगर में एक कुत्ते को बचाने के बाद सड़क पर घायल लोमड़ी को देखा। उन्होंने एंबुलेंस रोकी, यातायात को रोका, लोमड़ी को ढककर उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उसकी जांच और आवश्यक चिकित्सा उपचार कराया। हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने खानपुर वन विभाग के साथ समन्वय किया, ताकि लोमड़ी को आवश्यक चिकित्सा देखभाल मिल सके।
ऊँचाई से गिरकर गंभीर रूप से घायल हुई बिल्ली पूरी तरह ठीक हुई
हमें हमारे पशु आपातकाल हेल्पलाइन नंबर पर एक कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें एक बिल्ली के गिरने के कारण गंभीर चोटें आई थीं और मदद की गुहार लगाई गई थी। जब हमारी रैपिड रिस्पॉन्स टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होंने देखा कि बिल्ली के नथुनों और मुंह से खून बह रहा था और वह अपनी अगली बाईं टांग से लंगड़ाते हुए चल रही थी। तत्काल चिकित्सकीय उपचार, पोषण और एक महीने तक लगातार फॉलो-अप के बाद बिल्ली पूरी तरह ठीक हो गई, जिससे उसके देखभाल करने वाले को अपार खुशी मिली।
गंभीर अंडकोष चोट वाले कुत्ते का इलाज किया गया
रात के समय, हमारी टीम को एक तत्काल कॉल मिला जिसमें एक कुत्ते के बारे में बताया गया, जिसे अन्य सामुदायिक कुत्तों ने हमला किया था। कुत्ते को अंडकोष में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसका काफी खून बह चुका था। हमने तुरंत इलाज करके उसे स्थिर किया और कड़ी निगरानी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। उचित देखभाल, प्यार और हमारी रैपिड रिस्पॉन्स टीम की कोशिशों के कारण, कुत्ता पूरी तरह ठीक हो गया और उसे सुरक्षित रूप से उसके इलाके में वापस लौटा दिया गया।
एक मुर्गी का साहसी रेस्कयू
अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल के अनुरोध पर, हमारी रैपिड रिस्पॉन्स टीम सुबह 4 बजे मौके पर पहुंची और मुर्गी को किसी का संभावित खाना बनने से बचाया। टीम को घनी झाड़ियों और कीचड़ भरी ज़मीन से होकर इस पक्षी को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह दिखाता है कि हर जीवन को बचाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता मजबूत है।
मुंबई हाईराइज़ सोसाइटी से घायल चील को बचाया गया
हमारी टीम को गायक और अभिनेता विशाल ददलानी से एक कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें घायल चील को बचाने की मदद मांगी गई थी। जांच के दौरान हमारी रैपिड रिस्पॉन्स टीम ने पाया कि चील डिहाइड्रेटेड का शिकार थी। एक रात की देखभाल और दवाओं के बाद, चील ने अपनी ताकत फिर से हासिल की और अगले दिन सुबह वह खुद को उड़ पाने में सक्षम थी।
ये सभी कार्य केवल PETA इंडिया के समर्थकों की दयालुता की वजह से संभव हो पाए। अगर आप भी किसी पशु को संकट में देखें, तो तुरंत उसकी मदद करें क्योंकि आपकी मदद उनका एकमात्र मौका हो सकती है। संकट में फंसे पशुओं को रिपोर्ट करें, संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें और मदद आने तक पशु के पास बने रहें। आपातकालीन स्थितियों में हमारी 24/7 हेल्पलाइन 9820122602 पर कॉल करें।
इन पशुओं की जान बचाने के लिए हमारा साथ देने हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
पशुओं को बचाने के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव