आगामी फिल्म “गोरिल्ला” को ना देखने के 5 तर्क

Posted on by PETA

टीवी एवं फिल्मों से वन्य जीवों का इस्तेमाल समाप्त करने की हमारी मुहीम के तहत PETA इंडिया सामान्य जनता से अनुरोध करता है कि निर्देशक डॉन सेंडी की आगामी फ़िल्म “गोरिल्ला” जिसमे एक चिम्पांजी को दिखाया गया का त्याग करें। इस फ़िल्म तथा ऐसी कोई भी फ़िल्म जिसमे पशुओं का इस्तेमाल किया जाता है, का त्याग करने के 5 प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

1. बंदी बनाए गए जानवरों को उनके परिवार से छीन कर लाया जाता है

फिल्म और टेलीविज़न कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाले पशुओं को जन्म के बाद से ही उनकी माताओं से चुराकर अलग कर चुरा कर लाया जाता है जिससे माता एवं बच्चा दोनों ही आजीवन सदमे में रहते हैं।

 

2. अभिनय सीखने के लिए उन्हे हिंसक तरीकों से यातनाएं दी जाती हैं

अभिनय के दौरान कम से कम समय में यह जानवर अच्छा अभिनय कर सकें इस हेतु इन्हे दर्दनाक यातनाओं के द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है जिसमे प्रशिक्षक इन जानवरों को बिजली के करंट देते हैं, मुंह पर घूंसे मारते हैं तथा लातों एवं डंडों से पीटते हैं।

 

3. फिल्म के दौरान भले ही उनका अभिनय कम हो किन्तु उसके लिए यातनाएं बहुत अधिक होती हैं।

जब चिम्पांजी युवास्था में आता है तो उसे काबू रख पाना कठिन होता है, इसलिए उन्हे तंग पिंजरों में कैद करके रखा जाता है जहां वो दशकों तक अकेले एवं अलगाव की जिंदगी जीते हैं।

 

4. जीवित पशुओं के इस्तेमाल की जरूरत नहीं

दुनिया की सबसे शानदार फिल्मे जैसे “प्लेनेट ऑफ द अपेस” या फिर “द जंगल बुक” में बिना किन्ही जीवित जानवरों का इस्तेमाल किए, एडवांस कंप्यूटर तकनीकों के द्वारा जानवरों के रोल दिखाये जाते है।

 

5. यह नुक्सानदायक प्रथा है

चिम्पांजी का गलत चित्रण जैसे उन्हे मानव कार्टून या नकल की तरह उपयोग किया जाता है तो इसका उन प्रजातियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो प्राय लुप्त होने की कगार पर हैं या फिर डॉ। जेन गूडल के अनुसार हमारे जीवांकाल के दौरान ही लुप्त हो जाएंगी।

PETA अमेरिका टीवी स्पॉट “98% Human” एक खास तकनीक पर आधारित है जो मनोरंजन के लिए इस्तेमाल होने वाले चिंपानियों की स्थिति को परदर्शित करता है। इस तकनीक को प्रतिष्ठित Cannes Lions समारोह में बेहतरीन दृश्य प्रभावों के लिए सराहा जा चुका है। अमेरिका की 10 शीर्ष विज्ञापन एजेंसियों ने PETA अमेरिका की “Great Ape Pledge” पर हस्ताक्षर करके अपने कार्यक्रमों में सजीव जानवरों का इस्तेमाल न करने की शपथ ली है।

आप फिल्म उद्योग में इस्तेमाल होने वाले पशुओं के शोषण को रोकने में मदद कर सकते हैं। कृपया केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर जी को [email protected] पर एक विनम्र मेल लिखकर उनसे अनुरोध करें की वो फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों एवं विज्ञापनों में वन्यजीवों के इस्तेमाल पर रोक लगाएँ।