ऐसे 6 वीडियो जो डेयरी उद्योग आपसे छिपाना चाहता है
क्या आपको लगता है कि दूध के लिए पशुओं के साथ क्रूरता नहीं की जाती या उन्हें मारा नहीं जाता?
आपको सच जानकार हैरानी होगी!
नीचे ऐसे छह वीडियो दिए गए हैं, जो आपके सामने “आधुनिक” दूध उत्पादन में पशुओं के प्रति की जाने वाली घोर क्रूरता का पर्दाफाश करेंगे:
- नर बछड़े दूध का उत्पादन नहीं कर सकते इसलिए उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता है, नियमित रूप से भूखा रहने के लिए मज़बूर किया जाता है या मौत के घाट उतार दिया जाता है। Indian Meat Industry Red Meat Manual के अनुसार, “ज्यादातर नर बछड़ों को आर्थिक कारणों के चलते उनके मालिकों द्वारा जानकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।“
- कुछ बछड़ों को खलबच्चों में बदल दिया जाता है अर्थात मृत बछड़ों के शरीर को गायों एवं भैसों के पास रख उन्हें दूध देने के लिए मज़बूर किया जाता है।
- जाने कि कृत्रिम गर्भाधान आखिर होता क्या है? कर्मियों द्वारा अक्सर किसी प्रकार के लुब्रिकांत का प्रयोग किए बिना डरी-सहमी गायों के मलाशय में हाथ डाला जाता है और फिर गाय की योनी में जबरन वीर्य से भरे लोहे के डंडे को घुसाया जाता है। अगर इसी प्रकार की ज़बरदस्ती किसी औरत या कुत्ते के साथ की जाती तो इसे क्या कहा जाता? गायों और भैंसों के साथ की जाने वाली इनती घोर क्रूरता को कम क्यों आँका जाता है? उनके साथ एक जीवित प्राणी की तरह व्यवहार क्यों नहीं किया जाता?
- ज्यादातर मवेशियों को उनके अंतिम समय में बूचड़ख़ानों में छोड़ दिया जाता है। भारत में गायों और भैसों को विशेषकर उनके मांस के लिए नहीं पाला जाता लेकिन फिर भी भारत पूरी दुनिया में “carabeef” यानी भैस के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है। Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कुछ मात्रा में गायों का भी मांस पाया गाया। कई भारतीय राज्यों में गोहत्या अवैध है लेकिन देश में हर जगह ऐसा प्रावधान नहीं है। आपको क्या लगता है गोमांस उद्योग में पशुओं की आपूर्ति कहाँ से होती होगी? जी, आपने सही समझा डेयरी उद्योग से।
- मांस, अंडा और डेयरी उद्योग का हमारे ग्रह पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र की एक दशक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, इस दुनिया को भूख, ईंधन की कमी और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए वीगन जीवनशैली अपनाने की ओर एक वैश्विक कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है। “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली” और “दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय” द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, भारतीय मवेशियों द्वारा उत्पादित मीथेन गैस द्वारा वैश्विक तापमान में व्यापक तौर पर बढ़ोतरी संभव है। इसका प्रमुख कारण है कि दुनियाभर के मुकाबले भारत में मवेशियों की सबसे बड़ी आबादी है।
- इस वीडियो में भारतीय डॉक्टर डेयरी सेवन के कई डरावने दुष्प्रभावों के बारे में बात कर रहे हैं। Physicians Committee for Responsible Medicine की चेतावनी के अनुसार, दूध के सेवन का संबंध हमारे समाज में बड़े तौर पर पाए जाने वाले हृदय रोगों, टाइप 2 मधुमेह, कुछ प्रकार के कैंसर और अन्य बीमारियों से है।
तो अब आप भी सहमत होंगे कि डेयरी उद्योग पशुओं के लिए अत्यंत क्रूर होने के साथ-साथ इंसानों और पर्यावरण के लिए भी बहुत ख़तरनाक है।
इन वीडियो को कृपया अपने सोशल मीडिया पर साझा करें और आज ही शपथ लेकर वीगन जीवनशैली अपनाने का निर्णय लें:
वीगन जीवनशैली अपनाने की शपथ लें