जब भी जानवरों पर क्रूरता होते हुए देखें तो निम्नलिखित 9 बातों का ध्यान रखें
जानवरों के प्रति हिंसा होते हुए देखना अपने आप में परेशान कर देने वाला अनुभव होता है, लेकिन यदि आप जानते हैं कि स्थिति को कैसे संभाला जा सकता है तो आप न सिर्फ एक जीवन बचा सकते है बल्कि दुर्व्यवहार करने वाले को भी रोक सकते हैं कि वो औरों को नुकसान न पहुचाएं। अगर आप किसी को जानवर पर हिंसा होते हुए देखें तो निम्नलिखित 9 बातों का ध्यान रखें –
1.शांत रहे व पशु हेतु चिकित्सा की व्यवस्था करें: यह उम्मींद न करें कि कोई और सहायता के लिए आयेगा। घायल पशु को तुरन्त चिकित्सीय देखभाल की जरूरत हो सकती है जिसके बिना वो लम्बे समय तक बीमार रह सकता है या फिर चोटों के कारण मर भी सकता है। यदि आपको कुछ पल के लिये उस पशु को छोड़कर जाना पड़ रहा है तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति को उस घायल पशु के पास रहने के लिये कहे ताकि आप सहायता लेकर जल्द से जल्द वापिस लौट सकें। जानवर को परेशानियों में देख आपको क्या करना है इस हेतु हमारी मार्गदर्शिका देखें।
2.जुर्म के खिलाफ आवाज उठायें, क्यूंकि यदि आप नही बोलेगें तो फिर कौन बोलेगा : जब आप जंजीर में बंधे किसी कुत्ते को देखें तो उसके अभिभावक से संपर्क करें व उनको जानवर की देखभाल के प्रति साकारात्मक बदलाव करनें में उनकी मदद करें ताकि वे पशु को घर में खुला रहने की अनुमति दे सकें। यदि बच्चे पक्षियों को पत्थर मार रहें हों तो उन्हें ऐसा करने से रोके व साथ ही साथ उन्हे बताएं कि पक्षियों को चोट पहुंचाना गलत है। जंजीर से बधें कुत्ते के बारे में आप और क्या कर सकते हैं कृपया यहाँ देखें।
3.कानून की जानकारी रखें : भारतीय जीव पशु कल्याण बोर्ड तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वेबसाईट्स पर जाकर पशु संरक्षण कानूनों की जानकारी प्राप्त करें।
4. अपराध के साक्ष्य संभाल कर रखें: जब आप पशु के साथ कुछ गलत व्यवहार होते हुए देखें तो अपने फोन के कैमरे से उस घटना तथा दुर्व्यवहार करने वाले का फोटो या वीडियो बना लें जिसमें उसकी महत्वपूर्ण जानकारी को अवश्य कवर करें जैसे उसकी गाडी की नम्बर प्लेट या स्पष्ट पहचान आदि। अगर आप कर सकें तो मौके पर उपलब्ध कुछ गवाहों के ब्यान तथा पशु की ऐसी स्थिति या मृत्यु होने के पीछे क्या कारण है उस पर पशु चिकित्सक या विशेषज्ञ का ब्यान रिकार्ड कर लें।
5.तुरन्त नजदीकी पुलिस स्टेशन में घटना की प्राथमिक रिपोर्ट (FIR) दर्ज करायें: प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज होने से आपराधिक न्याय की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है क्यूकिं (FIR) दर्ज होने के बाद ही पुलिस मामले की जांच प्रारम्भ करती है। यदि आपको प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करने का तरीका नहीं पता है तो यह मार्गदर्शिका आपकी सहायता करेगी। पुलिस को आपकी (FIR) दर्ज करनी ही पडे़गी। यदि इन सबके बावजूद आपकी रिपोर्ट दर्ज नही हो पाती तो इस मामले को पुलिस अधीक्षक या वरिष्ठ अधिकारियों जैसे उप पुलिस महानिरीक्षक या पुलिस महानिरीक्षक के पास ले जाएं। आप अदालत में एक निजी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं
6.अन्य उपयुक्त अधिकारियों को सूचित करें: कानूनी विभागों के अलावा अन्य विभागों व अधिकारियों के बारे में भी सोचें जिनसे आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि आप किसी पर्यटक स्थल पर जानवरों के प्रति क्रूरता होते हुए देखें तो आप उसी राज्य के पर्यटन मंत्री को सूचित करें। यदि कोई वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रहा है तो आप राज्य के वन विभाग के माध्यम से स्थानीय वन अधिकारी से सम्पर्क करके मामले की जानकारी दें उसी प्रकार यदि घटना किसी कालेज़ के परिसर में हुई है तो आप कालेज़ के डीन से इसकी शिकायत कर सकते हैं। ऐसे अधिकारियों का सम्पर्क विवरण आमतौर पर इन्टरनेट पर आसानी से मिल जाता है।
7.पशु संरक्षण समूहों से सम्पर्क करें: स्थानीय पशु संरक्षण समूह, पशु चिकित्सक तथा पशु कल्याण अधिकारी आपको और सहायता प्रदान कर सकते हैं। आप आनलाईन निर्देशिकाओं के लिये PETA के इस सहायक लिंक का उपयोग भी कर सकते है।
8.प्रयास जारी रखें : जानवरों पर दुर्व्यवहार करने वाले अपराधियों को ऐसे ही न जाने दें। स्थानीए अधिकारियों से लगातार सम्पर्क कर केस की प्रगति पर नजर रखें तथा मीडिया को शामिल कर केस की जानकारी दें व पूरे मामले पर सनसनी बनाए रखें। यदि जरूरी हो तो आप कानूनी वकील लेकर मामले को अदालत में भी ले जा सकते हैं। बहुत से वकील जानवरों से संबन्धित केस में मुफ़्त में मदद करने के लिये तैयार रहते है आपको बस कहने भर की आवश्यकता होती है।
9.मदद करने वाले लोगों का धन्यवाद अदा करें : केस की सफलता अन्य लोगों के साथ भी सांझा करें। उन लोगों के प्रयासों की भी सराहना करें जिन्हानें आपको जानवरों के प्रति न्याय प्राप्त करने में मदद की ताकि वे अपने योगदान को महत्वपूर्ण समझें तथा भविष्य में भी जानवरों की मदद के लिये तैयार रहें।
यदि आप अभी भी स्पष्ट नही है व आपको और मार्गदर्शन की आवश्यकता है तो कृपया सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:30 से शाम 6 बजे के बीच सहायता के लिये हमारे कार्यालय में 022 40727382 पर कॉल करें या हमें [email protected]. पर ई-मेल करें। यदि आप ऊपर दिये समय के बाद/पहले कॉल कर रहें है तो कृपया हमारे आपातकालीन (0)98201 22602 नम्बर पर कॉल करें।