अभिनेत्री एमी एला की सूचना के आधार पर PETA इंडिया द्वारा शोषित पशुओं की जान बचाई गयी
PETA इंडिया को अभिनेता एमी ऐला की एक कॉल से यह सूचना प्राप्त हुई थी कि एक स्थानीय सुविधा में पशुओं को बहुत ही दयनीय स्थिति में रखा जा रहा है, जिसके बाद समूह द्वारा तात्कालिक रूप से कदम उठाते हुए इन पशुओं की जान बचाई गयी। एमी द्वारा बताया गया की इस सुविधा में पशुओं को छोटे-छोटे पिंजरों में बंद रखा जाता है, पर्याप्त भोजन-पानी एवं पशुचिकित्सकीय जांच की सुविधा से वंचित रखा जाता है और तेज़ आवाज़ और धूप के बीच रहने के लिए मज़बूर किया जाता है।
इस संबंध में PETA इंडिया द्वारा कार्यवाही करते हुए, सुविधा के मालिकों से संपर्क किया गया जिसका हमें कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद समूह द्वारा “पशुओं क्रूरता निवारण हेतु गठित रायगढ़ सोसायटी” और “महाराष्ट्र जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड” के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें सुविधा की तत्काल जांच करके और पशुओं को जब्त करके हस्तक्षेप करने का आह्वान किया गया।
व्यापक अनुवर्ती कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने PETA इंडिया को सूचित किया कि इस सुविधा के मालिक एक घोड़े का आत्मसमर्पण करने के लिए सहमत हो गए हैं। हमने घोड़े और अन्य पशुओं की प्रारंभिक जांच करने के लिए घटना स्थल का दौरा किया और इस दौरे के दौरान, वहां रखे गए 11 खरगोशों में से तीन गंभीर बीमारियों से पीड़ित पाए गए। सभी खरगोशों और घोड़े को पुनर्वास के लिए कलोटे एनिमल ट्रस्ट में ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश इस घोड़े और दो खरगोशो की मृत्यु हो गयी।
PETA इंडिया द्वारा इस सुविधा में उपलब्ध संसाधनों के अनुसार ही पशुओं को लाने के संबंध में सुविधा मालिक को परामर्श प्रदान किया गया क्योंकि यहाँ पशु प्रजनन के कारण पहले से ही भारी भीड़ थी। फिर एक त्याग विलेख और एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें आगंतुकों को घोड़े और ऊंट की सवारी पर रोक लगाने और तीन सप्ताह के भीतर सभी पशुओं की नसबंदी कराने के लिए मालिकों की प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया गया।
PETA इंडिया इस MOU का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए लगातार सुविधा मालिकों के साथ संपर्क में रहा। मालिकों ने बताया कि एक बैल, एक बकरी, एक गधा, दो टट्टू और चार खरगोश सहित सभी नर जानवरों की नसबंदी कर दी गई है और आधिकारिक तौर पर सुविधा में पशु प्रजनन को रोक दिया गया है जिसके संबंधित चिकित्सकीय प्रमाण पत्र भी साझा किए गए। उन्होंने हमें यह भी आश्वासन दिया कि इस सुविधा में अब कोई नया जानवर नहीं लाया जाएगा और घोड़ों, टट्टुओं और ऊंटों की सवारियों पर रोक लगाई जाएंगी।
ऐला के प्रयासों और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग की बदौलत, बचाए गए जीवित जानवर अब कालोटे एनिमल ट्रस्ट में सुरक्षित वातावरण में रह रहे हैं जहां उन्हें उचित देखभाल मिल रही है। यहाँ यह सभी पशु अपना बचा हुआ जीवन शोषणमुक्त ढंग से व्यतीत कर पाएंगे।
यदि आप पशुओं के प्रति क्रूरता होते देखते हैं या आपको किसी पशु के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी प्राप्त है, तो कृपया PETA इंडिया या स्थानीय अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना दें।
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