एक्टर व मॉडल ‘पामेला एंडर्सन’ का भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक प्रस्ताव
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण व लोगों की परेशानी को देखते हुए, मशहूर सिरियल “Baywatch” की अदाकारा तथा बिग बॉस में अतिथि कलाकार के रूप में शिरकत कर चुकी हॉलीवुड की प्रख्यात कलाकार पामेला एंडर्सन ने PETA इंडिया की ओर से भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र लिखकर कुछ प्रस्ताव दिये हैं। पामेला ने अपने प्रस्ताव पत्र में मोदी जी से अनुरोध किया है की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी लड़ाई के आगाज के रूप में वह समस्त सरकारी आयोजनों एवं बैठकों में पौधों पर आधारित वीगन भोजन अनिवार्य करें।
पामेला यह संज्ञान लेती हैं कि मांस, अंडे और डेयरी के लिए जानवरों को पालना, कुल होने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन का लगभग पांचवां हिस्सा है। भारत कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता है और शानदार कृषि इतिहास को देखते हुए, भारत में उपजाया जाने वाला सोया तथा अन्य बहुमुखी खाद्य पदार्थ को उन पदार्थों के साथ आसानी से बदला जा सकता है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं। पामेला यह भी बताती हैं कि न्यूजीलैंड, चीन और जर्मनी ने जलवायु संकट से निपटने के लिए पहले से ही वीगन खाद्य पदरथों को बढ़ावा देने वाले कदम उठा लिए हैं।
“मैं आपसे अनुरोध करती हूँ की आप दुनिया को यह दिखा दें की जलवायु परवर्तन से निपटने में भारत किसी से कम नहीं बल्कि बेहतर है“
लंबे समय से वीगन जीवनशैली अपना चुकी पामेला ने भारत में बिताए अपने यादगार पलों को याद किया है जहाँ उन्होंने मुंबई की सड़कों पर घूम रहे एक भारतीय अमेरिकन नस्ल के एक प्यारे कुत्ते “पियारी” को गोद लिया था। लेकिन जब वह भारत में बढ़ते वीगन कल्चर को पसंद कर रही हैं तो वह यह भी जानती हैं की यहाँ जानवरों की मदद करने के लिए अभी भी काम करना बाकी है। वह भारत में उस खास दिन को याद करती है जब उन्होने नाश्ते में एक स्वादिष्ट पपीता खाया और शाकाहारी बिरयानी की खुशबू व रंग से मंत्रमुग्ध हो गई थी लेकिन वह उस दिन काफी रोयी थी जब उन्हें पता चला की मिठाइयों के ऊपर चढ़ाने वाली सिल्वर फोयल (चाँदी का वर्क) बैलों की आंत से बनाया जाना यहाँ सामान्य बात है।
वह यह भी बताती हैं कि स्वस्थ वीगन भोजन करने से गायों और अन्य जानवरों को कत्लखानों में मिलने वाली दर्दनाक मौतों से राहत मिल जाती है तथा वीगन भोजन करने से मांस और डेयरी उत्पादों के सेवन से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह, पेट और स्तन कैंसर और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है व इस प्रकार के चिकित्सा पर खर्च होने वाले भरी भरकम खर्च से निजात पायी जा सकती है।